भोपाल। कांग्रेस ने सभी जिलाध्यक्षों से उन नेताओं की जानकारी मांगी है, जिन पर पुलिस ने राजनीतिक द्व्रेषता से प्रकरण दर्ज किए हैं या फिर ये प्रकरण भाजपा नेताओं ने दर्ज कराए हैं। ऐसे मामलों में विरोध करने के लिए कांग्रेस ने एक समिति बनाई है, जिसका अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को बनाया है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा के नेताओं के इशारे पर भाजपा सरकार लगातार अपने राजनीतिक विरोधियों विशेषकर कांग्रेस नेताओं पर प्रकरण दर्ज करवा रही है और उन्हें झूठे प्रकरणों में फंसाकर उन्हें कमजोर कर रही है। इससे काम करने वाले कार्यकर्ता भी परेशान हो रहे हैं। ऐसे मामलों में विधिक कार्रवाई एवं राजनीतिक स्तर पर संघर्ष करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक समिति का गठन किया है, जिसे प्रशासनिक अत्याचार प्रतिरोध समिति नाम दिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी जिलाध्यक्षों को पत्र भेजकर कहा है कि वे अपने यहां ऐसे प्रकरणों की जानकारी इकठ्ठा करें और उसे पीसीसी को भेजें। इन प्रकरणों की जानकारी और दस्तावेज समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह तथा महामंत्री जे.पी. धनोपिया को प्रदेश कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। इसके बाद समिति इसका परीक्षण करेगी और जिन प्रकरणों में जैसी कार्रवाई की आवश्यकता होगी, वैसी कार्रवाई करेगी।
इन लोगों को किया है समिति में शामिल
भोपाल से विधायक आरिफ मसूद, इंदौर संभाग से इस समिति में पूर्व मंत्री बाला बच्चन और प्रवक्ता के.के. मिश्रा को लिया गया है, वहीं ग्वालियर से पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती, उज्जैन से विधायक रामलाल मालवीय, सागर से पूर्व विधायक प्रभुसिंह ठाकुर, अरुणोदय चौबे, जबलपुर से विधायक विनय सक्सेना एवं रीवा से राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल को लिया गया है।

