पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार के लिए फिर एक चुनौती खड़ी कर दी है। जिस समय देश की आर्थिक हालत रोजमर्रा के स्तर पर बिगड़ रही है, इमरान खान ने सरकार के महंगाई बढ़ाने वाले कदमों के खिलाफ रविवार को देश भर में प्रदर्शन का आह्वान कर दिया है। पिछले महीने पीटीआई के सरकार विरोधी ‘आजादी मार्च’ के दौरान जम कर हिंसा हुई थी। इस्लामाबाद में एक पुलिस कांस्टेबल सहित तीन लोगों की मौत हुई थी।
पर्यवेक्षकों को अंदेशा है कि रविवार को देश में बड़े पैमाने पर अशांति का नजारा देखने को मिल सकता है। इमरान खान ने पहले कहा था कि वे ‘आजादी मार्च’ के दूसरे चरण का एलान करेंगे। लेकिन अब उन्होंने कहा है कि ‘खून-खराबे के अंदेशे’ के कारण वे फिलहाल इसे टाल रहे हैँ। लेकिन सरकार जिस तरह महंगाई बढ़ाने वाले कदम उठा रही है, उसका लोग सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे।
नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के कारण इमरान खान को बीते अप्रैल में प्रधानमंत्री पद से हटना पड़ा था। तब से उन्होंने वर्तमान शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ मुहिम छेड़ रखी है। गुरुवार को उन्होंने अपना ये इल्जाम दोहराया कि उनकी स्वतंत्र नीति के कारण अमेरिका उनसे नाराज हो गया और मौजूदा सरकार को अमेरिकी साजिश के तहत सत्ता में लाया गया।
इमरान खान ने कहा कि मैं अमेरिकियों को अच्छी तरह जानता हूं। जब आप उनके आगे झुकेंगे, तो वे आपसे और ज्यादा झुकने को कहेंगे।’ पीटीआई का आरोप है कि शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की सरकार अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के आगे झुक गई है और उनके दबाव में देश में पेट्रोलियम और अन्य चीजों के दाम बढ़ा रही है।
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि रविवार को आप सभी रात नौ बजे विरोध प्रदर्शन करेंगे। रात दस बजे मैं वीडियो लिंक से आपको संबोधित करूंगा। हालांकि, खान ने विरोध प्रदर्शनों को शांतिपूर्ण रखने की अपील की है, लेकिन विश्लेषकों के मुताबिक देश के मौजूदा माहौल में छिटपुट हिंसा भड़कने का अंदेशा बना हुआ है।
शहबाज शरीफ सरकार बीते तीन हफ्तों में पेट्रोल के दाम में लगभग 85 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। इस इजाफे से लोगों में नाराजगी है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि पेट्रोलियम पर सब्सिडी देना अब संभव नहीं रह गया है। आईएमएफ ने तमाम तरह की सब्सिडी खत्म करने को कहा है। अगर सरकार ऐसा नहीं करती, तो उसे आईएमएफ से सहायता नहीं मिल सकेगी और उस हाल में देश विदेशी कर्ज चुकाने में अक्षम हो जाएगा।
सरकार के इन कदमों से पाकिस्तान के आम जन में नाराजगी पैदा हुई है। पूर्व इमरान खान सरकार ने काफी समय से पेट्रोलियम के दाम में बढ़ोतरी को रोक रखा था। इसलिए जनता के एक बड़े हिस्से में इमरान खान के लिए समर्थन और बढ़ा है। अब अनुमान लगाया गया है कि रविवार को देश भर में बड़े जन प्रदर्शन होंगे। पर्यवेक्षकों के मुताबिक उनसे निपटना शहबाज शरीफ सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।