बीस हजार रैंक तक के विद्यार्थियों को मिल सकता है मनपसंद इंजीनियरिंग कॉलेज

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sadbhawnapaati
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-इंजीनियरिंग कॉलेजों में शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया, पहले जेईई मेन के अंकों के आधार पर होगा प्रवेश

भोपाल। प्रदेश के करीब 150 इंजीनियरिंग कॉलेजों की तकरीबन 44 हजार सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया 5 अगस्त से शुरू हो चुकी है। जेईई मेन के दूसरे चरण के परिणाम आने के बाद तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया को गति मिल गई है। अब डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) प्रक्रिया बिना किसी परेशानी से कर सकेगा।
इस बार जेईई मेन लेट होने से विद्यार्थी और माता-पिता चिंतित थे कि प्रवेश प्रक्रिया लेट होगी और इसका असर पढ़ाई पर पड़ेगा। काउंसलिंग के पहले चरण के तहत 5 अगस्त से पंजीयन शुरू होंगे जो कि 27 अगस्त तक जारी रहेंगे। कालेजों और ब्रांच का चयन 12 अगस्त से किया जा सकेगा। कामन मेरिट लिस्ट एक सितंबर को जारी की जाएगी। विद्यार्थियों को प्रवेश मिलने पर अलॉटमेंट पत्र 6 सितंबर को जारी किया जाएगा। पंजीयन के लिए विद्यार्थियों को 1530 रुपये खर्च आएगा। इस बार 10 प्रतिशत सीट ईडब्ल्यूएस की आरक्षित रहेगी। प्रवेश प्रक्रिया की शुरुआत जेईई मेन में मिली रैंक के आधार पर होगी। काउंसलिंग के अंतिम चरण में 12वीं के अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। विभिन्न कॉलेजों के पिछले वर्षों के कटऑफ को देखें तो प्रदेश के टॉप संस्थान श्री गोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआईटीएस) की कंप्यूटर साइंस ब्रांच में जेईई मेन की करीब 20 हजार रैंक तक के विद्यार्थियों को प्रवेश मिल गया था।

इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच में बढ़ेगी मांग
कंप्यूटर साइंस और आईटी के साथ ही अब इलेक्ट्रानिक्स ब्रांच की ओर विद्यार्थियों का रुझान बढ़ रहा है। इसका कारण यह है कि अब इलेक्ट्रानिक्स आधारित नए उपकरणों की जरूरत महसूस हो रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के लिए भी नए उपकरणों की जरूरत पड़ रही है। सभी तरह के उद्योग आटोमेशन पर आ गए हैं। सेंसर तकनीकी भी ऑटोमोबाइल से लेकर स्मार्ट होम तक बढ़ जाने से इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में युवाओं की जरूरत बढ़ रही है। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट अधिकारी अतुल भरत का कहना है कि इस समय जो विद्यार्थी कालेजों में प्रवेश ले रहे हैं उन्हें यह बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि कंप्यूटर साइंस ही एकमात्र ब्रांच नहीं है जिसमें बढ़ोतरी हो रही है। जब वे कालेजों से पास होंगे तब कौन सी तकनीक की मांग होगी इसका अंदाजा लगाना चाहिए। जिस तरह से दुनियाभर में इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र तेजी से ऊपर जा रहा है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में काफी बेहतर मांग बनेगी।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।