बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर शंकराचार्य में दो फांक

sadbhawnapaati
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एक ने दी चुनौती, दूसरे बोले-उनका विरोध करने वाले हिंदू विरोधी

नई दिल्ली । देशभर में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम सरकार) के कथित चमत्कार, दावे और चुनौतियों काे लेकर बहस छिड़ी हुई है। जिस पर दो शंकराचार्यों के अलग-अलग बयान आए हैं। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उन्हें चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर सरकार जोशीमठ में धंसकती हुई जमीन को रोक कर दिखाओ, तो उनके चमत्कार को मान्यता दूंगा। वहीं, द्वारका शारदा पीठ के स्वामी सदानंद सरस्वती बागेश्वर सरकार के पक्ष में नजर आए।

पिछले दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार लगाने के बाद अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दी थी। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। इसके बाद यहां पहला दरबार लगा। यहां उन्होंने श्याम मानव को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई। छत्तीसगढ़ के एक मंत्री ने भी उन पर सवाल उठाया। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष ने भी विरोध जताया। वहीं, भाजपा के दो मंत्रियों ने समर्थन किया है।

शनिवार को द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती कटनी पहुंचे। यहां उन्होंने कहा – ‘जो लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वो कभी बागेश्वर धाम गए? क्या उन्होंने लोगों का भला करने के लिए दक्षिणा ली है, पैसा लिया? कोई ऐसा व्यक्ति, जिसको उन्होंने ठीक करने का वादा किया।

कोई एग्रीमेंट किया? वो ठीक नहीं हुआ हो? ऐसा कुछ नहीं है। पहले विश्वास और अंधविश्वास में अंतर समझना पड़ेगा। अगर किसी देवी-देवता का आश्रय लेकर लोग ठीक हो रहे हैं, तो क्या गलत है? ये तो हमारी परंपरा है। क्या बागेश्वर महाराज ने पीला चावल भेजा क्या, फिर क्यों आए? ये आपकी श्रद्धा और विश्वास है।

धर्मांतरण करना-कराना दोनों राजनीति
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि देश में धर्मांतरण धार्मिक कारणों से नहीं हो रहा। ऐसे लोगों का उद्देश्य राजनीतिक है। इसका विरोध भी राजनीतिक कारणों से हो रहा है, क्योंकि उनके वोट बढ़ जाएंगे। इसमें धर्मांतरण करने और कराने वाले दोनों पॉलिटिकल हैं। इस क्षेत्र में चमत्कार दिखाइए। अगर आपके पास ऐसी कुछ शक्तियां आ गई हैं, तो धर्मांतरण, आत्महत्या, झगड़े-फसाद को रोक दें। राष्ट्र और जनता के लिए उपयोग हो, तो उसे हम मानेंगे।

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