इंदौर इकाई अधिकारी शिकायतों पर नहीं देते ध्यान, जबरन बंद करने की आदत जनता को पड़ रही भारी, पिछले सप्ताह में ही कई लोगो की गई जान
Indore News in Hindi. आप कहीं भी चले जाइये हर तरफ टोल टेक्स चुकाना ही पड़ता है पर जब सर्विस की बात आती है तो अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते, आए दिन सीएम हेल्पलाइन में बढ़ती शिकायतें उनके निराकरण में असफल प्रशासन तंत्र खुलकर झूठ बोलता है। पीड़ितों की शिकायतों का निराकरण किये बिना ही उन्हें जबरन बंद कर दिया जाता है, इस अड़ियल रवैये और शिकायतों पर ध्यान न देने के कारण कई युवा काल के गाल में समां गए है.
कई नागरिकों ने इंदौर शहर से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग (बाईपास) पर अवैध कट होने की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और प्रधानमंत्री कार्यालय में की, तो स्थानीय इकाई के अधिकारियों ने इन शिकायतों का भी “अवैध कट” लगा दिया. ऐसी ही एक शिकायत क्रमांक 23951048 में “भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के राष्ट्रीय राजमार्ग 3 के इंदौर में बने बाईपास पर भिचोली से देवगुराडिया के बीच डिवाइडर पर अनाधिकृत कट बने हुए है जिसमे से 2 पहिया वाहन चालक आते जाते रहते है। टोल वसूलने वाली कंपनी व क्षेत्र के स्वतंत्र इंजीनियर की जवाबदेही सुनिश्चित कर कार्यवाही की जाए व अनाधिकृत कट को शीघ्र स्थायी रूप से बन्द कर दुर्घटना में होने वाली जान माल की संभावना को समाप्त किया जाए।” के जवाब में “शिकायतकर्ता द्वारा की गई शिकायत के संदर्भ में लेख है कि इंदौर-देवास बाईपास पर 2 पहिया वाहन चालकों द्वारा अनाधिकृत रूप से बनाये गये कटों को लगातार बंद किया जा रहा है।” लिख कर शिकायत को (ForceClose) बंद कर दिया गया जबकि नियमानुसार शिकायत पर लेवल वन अधिकारी द्वारा निराकरण लिखा जाता है व शिकायतकर्ता के असंतुष्ट होने से लेवल 2 और कमशः उच्च लेवल पर जाती है. यहाँ इन नियमों को धता करते हुए एक ही लेवल पर जबरन शिकायत को बंद कर दिया गया.
बता दें कि यह शिकायत 26-8-2023 को की गई थी जिसको दो दिन बाद ही स्थानीय इकाई के परियोजना निदेशक सुमेश बंज़ल के ऑफिस से 28-8-2023 बंद कर दिया गया वस्तुस्थिति यह है कि खबर लिखे जाने तक यह “अवैध कट” जस का तस है.ऐसे ही दर्जनों “अवैध कट” बाईपास पर मौजूद है जिनपर क्रासिंग के दौरान कई यूवाओं की जान चली गई है और कई बड़े एक्सीडेंट का शिकार हो चुके है.
इसी तरह जब इस शिकायत को प्रधानमंत्री कार्यालय में मय सबूत फोटो सहित किया गया तो उसका जवाब भी परियोजना निदेशक सुमेश बंज़ल ने घुमा फिरा कर 3 पॉइंट में दिया जिसमे मुख्य बात लिखी कि “संधारण एक सतत प्रकिया है” विदित हो कि यह “अवैध कट” जस का तस शिकायत को मुहं चिडा रहा है.
दैनिक सदभावना पाती ने मौके पर जाकर मुआयना किया तो स्थिति बदतर पाई गई।