अयोध्या में दीपोत्सव और लेजर शो का आयोजन
Ayodhya Ram Mandir Inauguration। आज अयोध्या के साथ-साथ पुरे भारत वर्ष का 500 वर्षों से अधिक का इंतजार खत्म हो गया, आज राम नगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है। आज रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। आज पूरे विधि-विधान के साथ भगवान रामलला के बाल रूप की प्राण प्रतिष्ठा हुई। शृंगार युक्त मूर्ति में भगवान के पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। तस्वीर में रामलला माथे पर तिलक लगाए बेहद सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं।
भारत के साथ जनकपुर में भी मनाया जा रहा दीपोत्सव
आज नेपाल के जनकपुर में भी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में ‘दीपोत्सव’ मनाया जा रहा है। जनकपुर रंगबिरंगी रोशनी और सैकड़ों दीयों से जगमगा उठा है।
भगवान रामलला की मूर्ति की क्या विशेषता है?
अयोध्या में भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति को गर्भ गृह में स्थापना के बाद आज प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई है। आभूषण और वस्त्रों से सुसज्जित रामलला के चेहरे पर भक्तों का मन मोह लेने वाली मुस्कान दिखाई दे रही है। कानों में कुंडल तो पैरों में कड़े पहने हुए हैं। मूर्ति के नीचे आभामंडल में चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की छोटी-छोटी मूर्तियों की भी पूजा की गई है।
भगवान रामलला की मूर्ति करीब 200 किलोग्राम वजनी है
भगवान रामलला की मूर्ति में कई तरह की खूबियां हैं। मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। इसकी कुल ऊंचाई 4.24 फीट, जबकि चौड़ाई तीन फीट है। कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष है। कृष्ण शैली में मूर्ति बनाई गई है। मूर्ति श्याम शिला से बनाई गई है, जिसकी आयु हजारों साल होती है। मूर्ति को जल से कोई नुकसान नहीं होगा। चंदन, रोली आदि लगाने से भी मूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
रामलला की मूर्ति में ओर क्या खास है?
रामलला के चारों ओर आभामंडल है। मूर्ति के ऊपर स्वास्तिक, ॐ, चक्र, गदा, सूर्य भगवान विराजमान हैं। श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। मस्तक सुंदर, आंखें बड़ी और ललाट भव्य है। भगवान राम का दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में है। मूर्ति में भगवान विष्णु के 10 अवतार दिखाई दे रहे हैं। मूर्ति नीचे एक ओर भगवान राम के अनन्य भक्त हनुमान जी तो दूसरी ओर गरुड़ जी को उकेरा गया है।
Ayodhya Ram Mandir Inauguration Live Updates
मूर्ति में पांच साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलक रही है। मूर्ति को मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि जिस मूर्ति का चयन हुआ उसमें बालत्व, देवत्व और एक राजकुमार तीनों की छवि दिखाई दे रही है।
कैसे हुआ भगवान रामलला की मूर्ति का चयन?
अयोध्या श्रीराम मंदिर में तीन मूर्तियों को स्थापित किया गया हैं, जिसमें से एक मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया गया है। इनके बनने के बाद सबसे बड़ा सवाल तो यह था कि गर्भ गृह में किस रूप में रामलला विराजमान होंगे। मूर्तिकारों ने तीनों मूर्तियों को इतना सुंदर बनाया कि चयन करना कठिन हो रहा था कि कौन सी सुंदर है और कौन सी उतनी नहीं है। अंततः बाल रूप वाली मूर्ति को राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजने का फैसला लिया गया।
Ram Mandir Pran Pratishtha Live – भगवान रामलला अब ऐसे दिख रहे है
- रामलला पीतांबर से सुशोभित हैं और हाथों में धनुष बाण धारण किए हुए हैं।
- रामलला ने सोने का कवच कुंडल, करधन माला धारण की हुई है।
- रत्न जड़ित मुकुट का वजन करीब पांच किलो बताया जा रहा है।
- रामलला के मुकुट में नौ रत्न सुशोभित हैं और गले में सुंदर रत्नों की माला है।
- भगवान रामलला की कमरबंद भी सोने से बना है।
- रामलला के आभूषणों में रत्न, मोती, हीरे शामिल हैं।
- रामलला के चरणों में वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिन्ह शोभित हैं।
- कमर में करधनी और पेट पर त्रिवली हैं।
- रामलला की विशाल भुजाएं आभूषणों से सुशोभित हैं।
- रामलला की छाती पर बाघ के नख की बहुत ही निराली छटा है।
- छाती पर रत्नों से युक्त मणियों के हार की शोभा है।