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ख़बरों और शिकायतों का असर : केंद्र सरकार का सख्त रवैया, कोचिंग कॉर्पोरेट अब नियम के दायरे में, मनमानी पर कसी नकेल

नियमों के उल्लंघन पर एक लाख तक का जुर्माना, फिर पंजीकरण रद्द

सितम्बर 2022 में दैनिक सदभावना पाती अख़बार ने कोचिंग सीरीज चलाई थी जिसमें कोचिंग कल्चर और डमी एडमिशन पर कई खुलासे किये गए थे जिसकी शिकायतें संबंधित विभागों के साथ ही राज्य और केंद्र सरकार को भी कई बार की गई थी जिसके परिणामस्वरुप केंद्र सरकार द्वारा बीते दिन कोचिंग सेंटरों के लिए नियम लागू किये गए हैं। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन इन नियमों को कितनी गंभीरता से लागू करवाता है।
नियम 10 (ii) छात्रों के लिए जो संस्थानों/स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उनके संस्थानों/स्कूलों के समय के दौरान कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी, ताकि ऐसे संस्थानों/स्कूलों में उनका नियमित उपस्थिति अप्रभावित रहे और डमी स्कूलों से भी बचा जा सके।

डॉ. देवेंद्र मालवीय

Indore News in Hindi। दिल्ली का मुखर्जी नगर हो या फिर राजस्थान का कोटा शहर, या इंदौर का भंवर कुआ, गीता भवन या विजय नगर क्षेत्र, कोचिंग सेंटर्स की भरमार वाले इन शहरों के इलाकों में देशभर से स्टूडेंट्स पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं जहां न छात्रों की उम्र की परवाह की जाती है न ही उनके दिमाग पर पड़ने वाले तनाव की। अक्सर मनमानी फीस वसूलने के केस भी सामने आते हैं।

प्रतियोगिता की भागमभाग में इन कोचिंग सेंटरों में जानवरों की तरह विद्यार्थी भरे पड़े हैं। अनियमित और अव्यवस्थित रूप से चल रहे इन कोचिंग सेंटरों में अनेकों हादसे हो चुके हैं। कई सेंटरों में आग लगने से युवाओं को जान गंवानी पड़ी तो वहीं देश के कई शहरों में युवाओं ने आत्महत्या कर अपनी ईह लीला ख़त्म कर ली जिनमें राजस्थान का कोटा शहर और मध्य प्रदेश का इंदौर शहर अव्वल हैं।

यह सवाल जनमानस से चलकर संसद तक भी पंहुचा। छात्रों के भविष्य को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्राइवेट कोचिंग संस्थानों को लेकर एक बेहद बड़ा फैसला लेकर रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन का कोचिंग सेंटर 2024 लागू किया है। यह दिशानिर्देश कोचिंग संस्थानों के मनमाने रवैये पर लगाम कसने के लिए तैयार किए गए हैं।

MoE Guidelines – इन गाइडलाइंस का करना होगा पालन

  1.  कोचिंग में जिन टीचर्स की नियुक्ति की जाएगी, वे कम से कम ग्रेजुएट होने चाहिए.
  2. एडमिशन (रजिस्ट्रेशन) के लिए स्टूडेंट्स के माता-पिता से अच्छी रैंक या अच्छे नंबरों की गारंटी जैसे भ्रामक वादे नहीं किए जा सकते.
  3. कोचिंग संस्थान 16 साल के कम उम्र के छात्र का रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते.
  4. छात्र की उम्र 16 साल से कम होने पर सेकेंड्री स्कूल (माध्यमिक विद्यालय) परीक्षा के बाद ही छात्र का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए.
  5. कोचिंग सेंटर संस्थान की क्वालिटी-सुविधाओं के कारण स्टूडेंट के अच्छे परिणाम का दावा करने वाले भ्रामक विज्ञापन नहीं दे सकते.
  6. कोचिंग सेंटर के पास प्रति छात्र न्यूनतम 1 स्क्वायर मीटर होना चाहिए, इससे कम है तो रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
  7. किसी भी ऐसे शिक्षक को कोचिंग में नहीं रखा जा सकता, जो किसी नैतिक अपराध में दोषी ठहराया जा चुका हो.
  8. कोचिंग सेंटर के पास एक वेबसाइट होनी चाहिए, जिसमें शिक्षक की योग्यता, पाठ्यक्रम/पाठ्यचर्या, कोर्स पूरा होने की अवधि, छात्रावास सुविधाएं (यदि हो), ली जाने वाली फीस, आसान एग्जिट पॉलिसी, शुल्क वापसी नीति, कोचिंग लेने वाले छात्रों की संख्या का विवरण होगा.
  9. वेबसाइट में उन छात्रों का विवरण भी देना होगा, जिन्हें कोचिंग में पढ़ने के बाद उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश मिला.
  10. स्टूडेंट्स के स्कूल के समय पर कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी.

फीस के भुगतान का ये होगा स्ट्रक्चर

  • कोचिंग सेंटर प्रॉस्पेक्टस, नोट्स और अन्य सामग्री अपने छात्रों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के प्रदान करेंगे.
  • यदि छात्र पूरा भुगतान करने के बाद निर्धारित अवधि के बीच में कोचिंग छोड़ देता है तो शेष अवधि के लिए पहले जमा की गई फीस में से बची हुई फीस 10 दिनों के अंदर आनुपातिक आधार पर वापस करनी होगी.
  • यदि छात्र कोचिंग सेंटर के हॉस्टल में रह रहा है तो बीच में कोचिंग छोड़ने पर हॉस्टल फीस और मेस फीस भी वापस कर करनी होगी.
  • किसी स्पेशल कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन के आधार पर फीस में बढ़ोतरी नहीं की जा सकती. हालांकि, कोर्स की अवधि बढ़ाई जा सकती है.

कोचिंग के लिए ये इन्फ्रास्ट्रक्चर जरूरी होंगे

  1.  कोचिंग सेंटर की मूल संरचना के तहत एक बैच के दौरान प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम एक वर्ग मीटर क्षेत्र आवंटित किया जा सकता है. रजिस्टर्ड छात्रों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त बुनियादी ढांचा होना चाहिए.
  2. सेंटर भवन को अग्नि सुरक्षा कोड, भवन सुरक्षा कोड और अन्य मानकों का पालन करना होगा और उपयुक्त अधिकारियों से अग्नि और भवन सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा.
  3. छात्रों की सहायता के लिए कोचिंग सेंटर में प्राथमिक चिकित्सा किट और चिकित्सा सहायता/उपचार सुविधा रहनी चाहिए. अस्पताल, आपातकालीन सेवाओं के लिए डॉक्टर, पुलिस हेल्पलाइन विवरण, अग्निशमन सेवा हेल्पलाइन, महिला हेल्पलाइन जैसी रेफरल सेवाओं की सूची प्रदर्शित की जाएगी और छात्रों को उनके बारे में सूचित किया जाएगा.
  4. कोचिंग सेंटर की इमारत पूरी तरह से विद्युतीकृत, अच्छी तरह हवादार होगी और इमारत की प्रत्येक कक्षा में पर्याप्त प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी.
  5. सेंटरों के सभी छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और पीने योग्य पेयजल उपलब्ध कराना होगा।
  6. कोचिंग सेंटर में जहां भी आवश्यकता हो वहां सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए. सुरक्षा अच्छी तरह से बनाए रखी जानी चाहिए.
  7. छात्रों को शिकायत दर्ज कराने के लिए कोचिंग सेंटर में एक शिकायत पेटी या रजिस्टर रखना होगा.
  8. कोचिंग सेंटर भवन परिसर में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों का प्रावधान किया जाएगा.

छुट्टियों के लिए भी गाइडलाइन

  • कोचिंग क्लास का असर स्कूल में उपस्थिति पर नहीं पड़ना चाहिए.
  • साप्ताहिक अवकाश के अगले दिन कोई मूल्यांकन-परीक्षा नहीं होगी.
  • संबंधित क्षेत्र में महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों के दौरान, कोचिंग सेंटर छुट्टियों को इस तरह से अनुकूलित करेगा कि छात्र अपने परिवार के साथ जुड़ने में सक्षम हों और उन्हें भावनात्मक बढ़ावा मिले.

ऐसी टाइमिंग रखनी होगी?

♦  कोचिंग सेंटर एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं ले सकते. कोचिंग का समय न तो सुबह जल्दी होना चाहिए  और न ही शाम को बहुत देर होना चाहिए.

♦  छात्रों को इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के विकल्पों के अलावा अन्य करियर विकल्पों की जानकारी भी प्रदान की जा सकती है, ताकि वे अपने भविष्य को लेकर तनावग्रस्त न हों और वैकल्पिक करियर का नया विकल्प चुन सकें.

गुप्त रखने होंगे असेसमेंट टेस्ट के परिणाम

  1. कोचिंग सेंटर मूल्यांकन परीक्षा के परिणाम को सार्वजनिक नहीं करेगा. मूल्यांकन परीक्षण को गोपनीय रखते हुए इसका उपयोग छात्रों के प्रदर्शन के नियमित विश्लेषण के लिए किया जाना चाहिए. जिस छात्र का शैक्षणिक प्रदर्शन खराब हो रहा है, उसे इस दिशानिर्देश के प्रावधानों के अनुसार परामर्श प्रदान किया जाना चाहिए.
  2. कोचिंग सेंटर्स को मानसिक तनाव के समाधान के लिए छात्रों को परामर्श देने और मनोचिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए परामर्शदाताओं और अनुभवी मनोवैज्ञानिकों को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
  3. सेंटर केवल पंजीकरण प्रमाणपत्र में दर्शाए गए स्थान पर ही कोचिंग संचालित करेगा. सक्षम प्राधिकारी की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना पंजीकृत स्थान के अलावा किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं करेगा.
  4. कोचिंग सेंटर की गतिविधियों की जांच और निगरानी उपयुक्त सरकार का अधिकृत अधिकारी करेगा.

जुर्माना/पंजीकरण रद्द होगा

♦ पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगेगा.
♦ दूसरी बार भी अगर उल्लंघन किया जाता है तो 1 लाख रुपए भरने होंगे.
♦ बाद के अपराध के लिए पंजीकरण रद्द होगा

नियमों में ये कमी है, सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए
  • नामांकित छात्रों की सूची जिसमें छात्र किस विषय में कोचिंग ले रहा है वह किस स्कूल/कॉलेज में अध्ययनरत है इसकी जानकारी सक्षम अधिकारी को देने का प्रावधान होना चाहिए था ताकि डमी एडमिशन (स्कूल एवं कोचिंग) पर पूरी तरह लगाम लग सके.
  • जिस तरह कॉलेज में संचालित विषयों की फीस के लिए एडमिशन फीस एवं रेगुलेशन कमेटी है जो विषयवार सुविधा, अधोसंरचना, फैकल्टी, आदि मानकों को जांचकर उस विषय की फीस तय करती है, उसी तरह शासन को कोचिंग में ली जाने वाली बेलगाम फीस पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए थे.
  • "पॉश एक्ट 2013" का पालन सुनिश्चित करने हेतु कोई निर्देश नहीं दिए गए है जबकि हर कोचिंग में महिला शिक्षकों के अलावा छात्राओं की संख्या अत्यधिक होती है, इस पर सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए

 

 

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