CMS शिकायतों के बाद उत्तर मध्य रेलवे ने मांगा फीडबैक, तकनीकी बदलाव की संभावना
(इंडियन रेल पर विशेष रिपोर्ट)
मुख्य परिचालन प्रबंधक ने पत्र जारी कर सभी मंडलों से मांगी जानकारी
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्यालय, ऑपरेशन्स शाखा, प्रयागराज से दिनांक 10 जून 2025 को एक महत्वपूर्ण पत्र जारी किया गया है। यह पत्र एच. के. मोहंती, मुख्य परिचालन प्रबंधक (COM/Gen.) द्वारा तैयार किया गया, जिसे प्रयागराज, आगरा और झांसी के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधकों को संबोधित किया गया है। इस पत्र में निर्देशित किया गया है कि मालगाड़ी में प्रयुक्त BVCM ब्रेक-वैन से संबंधित मैदान स्तर से फीडबैक और सुझाव शीघ्र एकत्रित कर मुख्यालय को भेजे जाएँ। यह पहल ट्रेन प्रबंधकों द्वारा CMS (Crew Management System) में लगातार की जा रही शिकायतों के मद्देनज़र उठाई गई है।
BVCM वैन की शिकायतें इतनी अधिक हैं कि यह विषय अब सुरक्षा, कर्मचारी स्वास्थ्य और संचार प्रणाली से जुड़ी एक गम्भीर समस्या बन गया है।
CMS में सबसे अधिक शिकायतें BVCM से, तीन प्रमुख समस्याएं उभरकर आईं
1. अत्यधिक शोर और कंपन (85–90 डेसिबल तक):
साउंड मीटर से लिए गए मापों के अनुसार BVCM वैन में ध्वनि स्तर औसतन 85 से 90 डेसिबल तक पहुँचता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इससे ट्रेन मैनेजर्स में चिढ़चिढ़ापन, थकान, और श्रवण क्षमता पर असर देखने को मिल रहा है। ड्यूटी के बाद घरेलू और व्यक्तिगत जीवन पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
2. CASNUB बोगी से अस्थिरता:
BVCM ब्रेक-वैन को CASNUB प्रकार की हार्ड सस्पेंशन बोगी पर फिक्स किया गया है। इसके कारण ट्रेन चलने के दौरान अत्यधिक झटका और अस्थिरता बनी रहती है, जिससे न तो रफ जर्नल ठीक से लिखा जा सकता है और न ही बिना सहारे ‘ऑल राइट’ मिलाना संभव है।
3. संचार व्यवस्था ध्वस्त:
BVCM में कंपन और ध्वनि इतना अधिक है कि न तो बाहर से कोई अनियमित ध्वनि सुनाई देती है और न ही वॉकी-टॉकी या मोबाइल पर संचार संभव होता है। यह स्थिति संरक्षा और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है।
ट्रेन मैनेजर्स की मांग:
ट्रेन प्रबंधकों ने सुझाव दिया है कि:
C&W अथवा संरक्षा अधिकारी स्वयं निर्धारित गति पर यात्रा कर निरीक्षण करें
BVCM के स्थान पर ICF बोगी युक्त BVZI ब्रेक-वैन को प्राथमिकता दी जाए
उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय ने फीडबैक एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह संभव है कि कर्मचारियों के सुझावों और अनुभवों के आधार पर निकट भविष्य में तकनीकी बदलाव अथवा वैगन प्रतिस्थापन की कार्यवाही हो। यदि ऐसा होता है तो इससे न केवल कर्मचारियों की कार्यदशा सुधरेगी बल्कि ट्रेन परिचालन की संरक्षा और गुणवत्ता भी बेहतर होगी।