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साभार नईदुनिया . इंदौर के कई टीआइ और एसआइ-एएसआइ घटिया हैं। कुछ का आचरण ठीक नहीं है और कुछ की कार्यप्रणाली असंतोषजनक है।
एडीजी वरुण कपूर की इस तरह की टिप्पणियों से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। कपूर ने यह टिप्पणी गोपनीय वार्षिक चरित्रावली (एसीआर) में की है।
एडीजी की टिप्पणी के बाद डीएसपी बनने का सपना देख रहे कई थाना प्रभारियों के होश फाख्ता हैं। यह टिप्पणी उनकी पदोन्नति अटका सकती है।
एसीआर गुरुवार दोपहर उस वक्त सार्वजनिक हुई जब डीआइजी ने संबंधित सीएसपी के माध्यम से टीआइ विनोद दीक्षित, तहजीब काजी, संजय शर्मा, राजेंद्र चतुर्वेदी को संसूचित के लिए भेजी।
प्रस्तुतकर्ता (एसपी) ने दीक्षित को क प्लस यानि उत्कृष्ट बताया था, लेकिन एडीजी ने ग्रेड घटाते हुए ग यानि सामान्य कर दी और साथ में प्रतिकूल (टिप्पणी) भी लिख दी। इसी तरह राजेंद्र चतुर्वेदी को घ यानि घटिया बताया है।
तहजीब काजी और संजय शर्मा, एसआइ महेश तिवारी सहित दो एएसआइ की एसीआर, प्रतिकूल की है, जिसमें उनके आचरण को लेकर टिप्पणी की गई है।
सूत्रों के मुताबिक एडीजी ने रीडर और डीएसपी, डीआइजी की एसीआर में टिप्पणी लिखी है।
डीजीपी को अभ्यावेदन करेंरे टीआइ, कोर्ट की तैयारी
वैसे तो एसीआर जोन के आइजी लिखते है, लेकिन कपूर आइजी के स्थान पर पदस्थ थे। लिहाजा उनकी टिप्पणी को डीजीपी स्तर के अफसर ही समाप्त कर सकते है।
इसके लिए टीआइ को पुलिस मुख्यालय में अभ्यावेदन करना होगा। गुरुवार को टीआइ को सीएसपी ने टिप्पणी की प्रति देकर प्राप्ति ले ली। नाराज अफसरों ने एडीजी द्वारा लिखी एसीआर पर सवाल भी उठाए है।
कुछ अफसर ऐसे भी है जो कपूर के तबादले के बाद पदस्थ हुए थे। कायदे से उनकी एसीआर तत्कालीन एडीजी मिलिंद कानस्कर द्वारा लिखना थी।
क यानि अच्छा और घ का मतलब घटिया
ग्रेड मतलब
क प्लस उत्कृष्ट
क बहुत अच्छा
ख अच्छा
ग सामान्य
घ घटिया पदोन्नति में रोड़ा बनेगी एडीजी की टिप्पणी
एमआइजी थाना प्रभारी विनोद दीक्षित, राजेंद्र चतुर्वेदी और संजय शर्मा डीएसपी बनने के इंतजार में है। ऐसे में एडीजी द्वारा की गई टिप्पणी उनकी पदोन्नति की राह में रोड़ा भी बन सकती है।
टीआइ को इसके लिए पुलिस मुख्यालय में अपिल करना पड़ेगी। मुख्यालय दोबारा एडीजी को बताएगा। यहां से राहत न मिलने पर कोर्ट का रुख करना होगा।
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati)
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