जीपीओ चौराहे स्थित लक्ष्मी सर्विस स्टेशन पर प्रशासन सख्त, बंद होगा पेट्रोल पंप, अनुमति निरस्त

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इंदौर। प्रशासन ने पंप पर पेट्रोल-डीजल का टैंकर खाली करते समय लगी आग पर पंप संचालक द्वारा की गई लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए अनुमति निरस्त कर दी है। कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि पंप सघन रहवासी व ट्रैफिक क्षेत्र का हिस्सा बन गया है।

पंप संचालक इसके संचालन में सक्षम नहीं होने से आम जनजीवन को खतरे में आ गया है। आदेश के बाद अब पंप का संचालन नहीं हो सकेगा। कंपनी, निगमायुक्त व विस्फोटक नियंत्रक को भी कार्रवाई के लिए कहा है।

एबी रोड पर जीपीओ चौराहे स्थित लक्ष्मी सर्विस स्टेशन पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। पंप पर 2 मई को टैंकर खाली करते समय आग लग गई थी। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अफसर पंप पर पहुंचे तो पंप संचालक ने बताया कि कर्मचारियों की सूझबूझ से आग पर काबू कर तत्काल बुझा दिया गया। पत्रिका ने मामले की गंभीरता और जनहानि के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले की विस्तृत जांच के लिए एडीएम पवन जैन को निर्देश देकर रिपोर्ट मांगी थी। इसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि आग लापरवाही का ही परिणाम थी। एडीएम ने पंप संचालक नरेश बत्रा व कंपनी को नोटिस कर जवाब मांगा था। कलेक्टर सिंह ने बताया कि अनुमति निरस्त करने की जानकारी संयुक्त मुख्य विस्फोटक नियंत्रक व निगमायुक्त को देते हुए लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई के लिए कहा है।

जांच में यह तथ्य सामने आए

-एडीएम की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया, सीसीटीवी फुटेज में साफ है, आग टैंकर, पंप संचालक व कर्मचारियों की लापरवाही से लगी थी। बुझती नहीं तो टैंकर का पाइप आग पकड़ लेता, बड़ी जनहानि हो सकती थी।

-कंपनी संचालक ने जवाब में बताया कि डिटेंशन चेंबर से पाइप में रिसाव हो रहा था। इसे पंप कर्मचारियों ने सूती कपड़े के बजाय सिंथेटिक फोम से पोंछ दिया। यह हमारी गलती थी, भविष्य में एसओपी का पालन करेंगे।

-जवाब का अवलोकन कंपनी के अफसरों से भी करवाया गया, उसमें भी टैंकर ड्राइवर व कर्मचारी की लापरवाही की पुष्टि की गई।

-पंप वर्तमान में शहर के व्यस्तम क्षेत्र में हास्पिटल के समीप है। छावनी में जाने वाला व्यस्तम मार्ग पर है। सामने ही पोस्ट ऑफिस है। जीपीओ मुख्य चौराहे के ट्रैफिक सिग्नल है। ऐसे में यह पंप आम जन के लिए खतरा बन गया है।

-संचालक सावधानी रखने की बात कह रहे हैं, लेकिन भविष्य में बड़ा खतरा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। संचालक भी संचालन में सक्षम नहीं है।

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