सीएसपी निहित उपाध्याय के मुताबिक पीड़िता ने दो महीने पूर्व विजयनगर थाना में भी अजय के खिलाफ दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज करवाया था. सिपाही का नाम आते ही उसने पीड़िता के आरोपों से इन्कार कर दिया। सीएसपी ने उस फ्लैट की जांच की जहां पीड़िता ने दुष्कर्म होना बताया था. रहवासियों ने बता दिया कि ओमी यहां आता रहता था और मैंटेनेंस भी वो ही देता था. इससे पुष्टि हो गई कि ओमी और अजय की दोस्ती रही है।
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सुखलिया निवासी नाबालिग का आरोपित अजय ने दो महीने पूर्व अपहरण कर लिया था। पुलिस ने पीड़िता को दस्तयाब कर स्वजनों के सुपुर्द किया तो बताया अजय ने स्कीम-136 स्थित फ्लैट दुष्कर्म किया था। एसआई ने कोर्ट के समक्ष पेश किया तो पीड़िता ने धारा 164 के तहत दर्ज बयानों में ओमी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया।
एसपी(पूर्वी) आशुतोष बागरी ने सीएसपी को जांच सौंपी दी। ओमी को इसकी भनक लग गई और छुट्टी लेकर चला गया। रविवार को जैसे ही थाने पर आया सीएसपी ने गिरफ्तार कर उसी थाना की हवालात में बंद कर दिया।
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