जानकारी के मुताबिक अपराधियों के नाम इम्मू उर्फ इमरान और अकरम उर्फ जीन है। दोनों कई मामलों में फरार थे। चंदन नगर और रावजी बाजार क्षेत्र की पुलिस उनकी तलाश कर रही थी। पूछताछ के लिए दोनों को थाने लाया गया। पूछताछ के दौरान मौका पाकर दोनों भाग गए। कंट्रोल रूम पर सूचना देकर उनकी तलाश शुरू की। इसी बीच पत्थर गोदाम के पास दोनों भागते हुए नजर आए। पुलिस ने घेराबंदी की। पकड़ने की कोशिश करने पर आरोपियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। एक ने फायरिंग की। इसके बाद जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की। फायरिंग में दोनों घायल हुए। इनको पकड़कर थाने लाए और मेडिकल के लिए भेजा। आरोपियों के पास से पिस्टल मिली है।
पुलिस के अनुसार उनके साथ दो लोग और थे, जिनकी तलाश की जा रही है। इधर इस मामले में आरोपी इमू की बहन ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि पुलिस तीन दिन पहले भाई को घर से उठाकर ले गई थी। पुलिस का काम नहीं करने की बात पर मारपीट की थी।
डीआईजी राजेश हिंगणकर ने बताया कि दोनों चंदन नगर औऱ रावजी बाजार क्षेत्र के नामी बदमाश हैं। दोनों को पूछताछ और डोजियर के लिए थाने लाया गया था। दोपहर में आरोपियों को जब थाने से बाहर ले जाया जा रहा था, तब उन्होंने भागने का प्रयास किया
डीआईजी क्राइम ने बताया कि दोनों ही आरोपियों पर 61 से अधिक अपराध हैं। जिनमें पांच मामले 307 के हैं। दोनों पर चार बार रासुका की कार्रवाई भी हो चुकी है। पुलिस दोपहर 11:30 से 12:00 के बीच इनका भागना बता रही है। हालांकि पुलिस की थ्योरी सवालों के घेरे में है।
बहन ने उठाए एनकाउंटर पर सवाल
एक आरोपी ईमू की बहन शबाना ने पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं। बहन का कहना था कि वह 12:00 बजे थाने में मिलकर आई थी। बहन का आरोप है कि उस पर पुलिस वाले पिस्टल रखने की बात कह रहे थे और अन्य आरोपियों को पकड़वाने की बात कर रहे थे। शबाना ने कहा कि पुलिस उसे तीन दिन पहले घर से उठाकर ले गई थी। पुलिस ने इमरान से कहा था कि उसने पुलिस का काम नहीं किया। तीन दिन से वह थाने में बंद था। उसके साथ मारपीट की गई। उसने पुलिस का काम करने से मना किया था।