पत्रकारों पर हमले लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला है: माकपा

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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भोपाल। प्रदेश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमले सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ही हमले नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को भी कमजोर करने की योजनाबद्ध कोशिश है। जिसे भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सिंह चौहान सरकार लगातार कर रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि चाहे मुरैना में पत्रकारों पर हमला हो या उज्जैन जिले के महिदपुर में एस डी एम की ओर से पत्रकारों के साथ की गई बदतमीजी, इसे पुलिस या प्रशासन की हरकत नहीं माना जा सकता, क्योंकि राजनीतिक संरक्षण के बिना यह सम्भव ही नहीं है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि हाल ही में भिंड जिले में भी एम्बुलेंस के अभाव में एक मरीज को हाथ ठेले पर ले जाने की घटना को उजागर करने पर तीन पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज कर शिवराज सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटकर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को कमजोर कर रही है।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि यह प्रशासन इस हद तक असंवेदनशील हो गया है कि अब मरीज के परिवार को ही धमकाया जा रहा है और उससे बयान बदलने के लिए दबाव डाला जा रहा है।
माकपा ने कहा कि अप्रैल माह में ही सिंगरौली में भाजपा नेता के खिलाफ खबर छापने पर दर्जन भर पत्रकारों को निर्वस्त्र कर पुलिस लॉकअप में रखा गया था।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि यदि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के प्रहरी ही निशाने पर हैं तो आम नागरिक पर होने वाले दमन को समझा जा सकता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान सरकार से अपनी दमनकारी नीति बदलने और संघर्षरत पत्रकारों की मांगों को स्वीकार करने की मांग करते हुए पत्रकारों के साथ एकजुटता भी व्यक्त की है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।