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Education News. केंद्र सरकार ने देश में फैमिली मेडिसिन पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। पीजी इन फैमिली मेडिसिन प्रोग्राम शुरुआती तौर पर छह एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों में शुरू किया जा रहा है।
इस पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री कार्यक्रम के माध्यम से सरकार देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण पैदा हुई खाई को पाटने और पारिवारिक चिकित्सकों की अवधारणा को वापस लाने का प्रयास कर रही है।
इन छह एम्स में शुरू होगा पाठ्यक्रम
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी कि सरकार छह एम्स में फैमिली मेडिसिन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है।
उन्होंने बताया कि शुरुआत में फैमिली मेडिसिन में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स एम्स रायपुर, एम्स ऋषिकेश, एम्स जोधपुर, एम्स पटना, एम्स भुवनेश्वर और एम्स भोपाल के परिसरों में शुरू किया जाएगा।
बता दें कि देश भर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, चिकित्सकों और बाल रोग विशेषज्ञों के 10,000 से अधिक पद अभी भी खाली हैं। सरकार की यह पहल देश में विशेषज्ञ डॉक्टरों पर काम के बोझ को कम करेगी।
चिंतन शिविर “हील बाय इंडिया” में हुआ था मंथन
इसके रिस्पॉन्स को देखते हुए, यह पाठ्यक्रम देश भर में और अधिक अस्पतालों में समय के साथ-साथ शुरू किया जाएगा।
फरवरी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर “हील बाय इंडिया” में इसे लेकर विचार किया गया था। जिसके बाद मुद्दे पर लगातार गहनता से विचार-विमर्श किया गया और पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला किया गया है।
परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से वाकिफ रहते हैं फैमिली डॉक्टर
बीते जमाने में, फैमिली डॉक्टर किसी भी बीमारी के मामले में जानने वाले व्यक्ति होते थे और वे डॉक्टर परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से अच्छी तरह वाकिफ रहते थे, इसलिए वे लोगों को सामान्य स्वास्थ्य परामर्श देने में प्रभावी होते थे।
साथ ही ज्यादातर मामलों में जटिलता की गुंजाइश नहीं होने पर कार्डियोलॉजिस्ट, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट आदि जैसे विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिलने की जरूरत भी नहीं रहती थी। हालांकि, समय के साथ-साथ इस तरह की अवधारणा प्रचलन से बाहर हो गई है।
फैमिली मेडिसिन में एमडी करने का विकल्प होगा
आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस कोर्स के साथ एमबीबीएस पूरा करने के बाद फैमिली मेडिसिन में एमडी करने का विकल्प होगा। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और नीति आयोग के अधिकारियों के बीच छह एम्स में इस तरह का कोर्स शुरू करने के लिए एक बैठक हुई थी।
बैठक में पाठ्यक्रम पर भी चर्चा हुई, जिसमें पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स इन फैमिली मेडिसिन में जनरल मेडिसिन, बेसिक सर्जरी, गायनोकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स आदि विभागों का अध्ययन शामिल होगा।