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महाराष्ट्र में शिवसेना पार्ट 2 : राजनीति में बड़ा उलटफेर, एनडीए में शामिल होकर अजित पवार बने डिप्टी सीएम, एनसीपी पर ठोका दावा

वक़्त बताएगा घड़ी किसकी समय किसका
 
महाराष्ट्र सरकार में एनसीपी के 8 विधायक भी बने मंत्री
मुंबई ।  महाराष्ट्र में रविवार को बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ। महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा के प्रमुख विपक्षी दलों में से एक राकांपा में फूट पड़ गई है। राकांपा नेता अजित पवार ने रविवार को ही अपने आवास पर पहले पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई और फिर सीधे राजभवन पहुंच गए। अजित यहां महाराष्ट्र के सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस की मौजूदगी में एनडीए में शामिल हो गए। इसके बाद उन्हें राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। सूत्रों के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को 40 एनसीपी विधायकों और 6 एमएलसी का समर्थन प्राप्त है।
अजित पवार के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी राजभवन पहुंचे थे। अजित पवार के शपथ लेने के साथ ही महाराष्ट्र में अब दो डिप्टी सीएम हो गए हैं। वहीं, महाराष्ट्र कैबिनेट में राकांपा के नौ विधायक भी मंत्री के तौर पर शामिल किए गए हैं। इनमें छगन भुजबल से लेकर दिलीप वलसे पाटिल तक शामिल हैं। इसके अलावा जिन नेताओं को मंत्रीपद मिला, उनमें हसन मुश्रिफ, धनंजय मुंडे, अदिति तत्करे, अनिल भाईदास पाटिल, बाबूराव अतराम और संजय बंसोडे शामिल हैं।
 तो शिंदे के साथ आने में क्या गलत
शपथ समारोह के बाद अजित पवार ने कहा- मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा। कुछ मंत्री सरकार में शामिल हो सकते हैं। कई दिनों से इस बारे में बातचीत चल रही थी। पीएम मोदी देश के विकास के लिए पिछले 9 साल से कई काम कर रहे हैं। मुझे लगा कि हमें भी उनका साथ देना चाहिए। इसलिए मैं एनडीए में शामिल हुआ। महाराष्ट्र को विकास करने वाला नेतृत्व चाहिए। भुजबल और मैंने विकास को तवज्जो दी। केंद्र का सहयोग और पैसा महाराष्ट्र को मिलता रहे। इसलिए हमने यह फैसला लिया। पार्टी भी हमारे साथ है। आगे भी सभी चुनाव हम पार्टी के नाम और सिंबल पर ही लड़ेंगे। नगालैंड में भी ऐसा हुआ था। वहां भी हमारी पार्टी के चुने गए 7 विधायकों ने भाजपा के साथ जाने का फैसला लिया था। हमने उद्धव के साथ भी सरकार बनाई थी, तो शिंदे के साथ जाने में क्या गलत है। हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव है। छगन भुजबल बोले- शरद पवार ने भी कहा था कि देश में मोदी सरकार ही फिर से आने वाली है। कई लोग कहेंगे कि हमारे खिलाफ जांच एजेंसियों के केस हैं, इसलिए हम साथ आए, लेकिन कई विधायक हैं, जिनके खिलाफ कोई केस नहीं है, वे भी शिंदे सरकार के साथ आए हैं।
 पार्टी फिर से खड़ी करके दिखाउंगा
अजित और छगन भुजबल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शरद पवार मीडिया के सामने आए। वे बोले- ये पार्टी मैंने बनाई थी। पार्टी के कार्यकर्ताओं पर मुझे पूरा विश्वास है। मैं महाराष्ट्र में घूमकर कार्यकर्ताओं को एकजुट करूंगा। अजित ने पार्टी से बगावत की है। 2024 का चुनाव विपक्ष के साथ मिलकर लड़ा जाएगा।
एनसीपी पर ठोका दावा
इस दौरान उन्होंने एनसीपी पर भी दावा ठोंका है। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा विधायक और सांसद मेरे साथ हैं। पार्टी और चुनाव चिन्ह मेरा है। पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक हमारे साथ हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने शरद पवार से फोन पर बात की है। पार्टी के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ेंगे। हमें पार्टी में सभी का आशीर्वाद प्राप्त है। एनसीपी में नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। महिलाओं को भी मौका मिलना चाहिए। अजित पवार ने कहा कि राज्य के हालात को देखते हुए यह फैसला लिया है। मोदी के खिलाफ विपक्ष बिखरा हुआ है। विकास करने वाला नेतृत्व होना जरूरी है। महाराष्ट्र में विकास पर हमारा सबसे ज्यादा ध्यान है।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन को लग सकता है झटका
गौरतलब है कि राकांपा में इस टूट का सीधा असर शरद पवार के नेतृत्व पर पड़ सकता है। दरअसल, राकांपा के पास कुल 53 विधायक हैं, जिनमें 40 विधायकों की ओर से अजित पवार को समर्थन मिलने की बात कही गई है। ऐसे में भाजपा-शिवसेना को टक्कर देने वाले महाविकास अघाड़ी गठबंधन को भी बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं अगर अजित पवार राकांपा पर दावा ठोक देते हैं, तो पार्टी के अस्तित्व पर भी संकट आ सकता है।
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