इंदौर में सामने आया साइबर क्राइम का बड़ा मामला बड़ी संस्थाओं की फर्जी बेवसाइट बनाकर कर रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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कोरोना महामारी में लाॅकडाउन के बाद कई बैंक व कंपनियां ग्राहकों को ऑनलाइन सुझाव दे रही हैं। ऐसे में उनकी बेवसाइट पर क्लिक कर समस्या का समाधान किया जा रहा है। इसका फायदा उठाते हुए इसे ऑनलाइन ठगी का जरिया बना लिया है। ये बदमाश नामी कंपनियों, बैंकों व जमेटो व स्विगी ऑनलाइन घर बैठे खाना उपलब्ध करने वाले कंपनियों के एप का फायदा उठा रही हैं।

ठगों ने फर्जी बेवसाइट बनाकर गूगल पर डाल दी है। जैसे ही ग्राहक बैंक या कंपनी का नाम टाइप करता है तो उसे हूबहू दिखने वाली फर्जी बेवसाइट उनके सामने खुल जाती है। क्लिक करते ही ठग बेवसाइट के माध्यम से निजी जानकारी ऑनलाइन लेते हैं और खाते से रुपए निकाल लेते हैं। लाॅकडाउन के बाद से अब तक 50 मामलों में इस तरह की शिकायतें आई हैं।

क्राइम ब्रांच ने बताया कि बदमाश ऑनलाइन ठगी के नए तरीके अपना रहे हैं। बैंक, संस्था या किसी कंपनी के नाम से फर्जी बेवसाइट गूगल पर डालकर वे लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं। तीन दिन पहले विजयनगर के रहने वाले देवेन्द्र विश्वकर्मा ने आवेदन दिया था कि उन्होंने गूगल पर आइसीआइसीआई बैंक की बेवसाइट से मिलती जुलती बेवसाइट खोली, उसमें कस्टमर केयर व समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन ऑप्शन दिया था।

ऑप्शन पर क्लिक करते ही बेवसाइट ने खाता, पेन, आधार कार्ड नंबर सहित अन्य जानकारी मांगी। इसके बाद एक ओटीपी आया, ओटीपी डालते ही कुछ देर में बैंक से 10-10 हजार रुपये कटने लगे और खाते से 80 हजार रुपये निकल गए। इसी तरह से कई अन्य लोगों के साथ ठगी हुई है। क्राइम ब्रांच और साइबर सेल मामले में तकनीकी माध्यम से बदमाशों का पता लगा रही है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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