बता दें कि बीते बुधवार की शाम को मुकेश सहनी के सभी विधायकों ने उनका साथ छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के तीनों विधायकों राजू सिंह, सवर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने दल बदल कानून के तहत पार्टी छोड़ कर बीजेपी में शामिल होने और विधानसभा में वीआईपी का विलय बीजेपी में कराने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को सौंपा था.
अपने विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद मुकेश सहनी अकेले पड़ गए थे जिसके बाद सहयोगी बीजेपी के द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग उठ रही थी.
इस पर मुकेश सहनी ने कहा था कि यह मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि वो उन्हें मंत्री बनाए रखते हैं या फिर हटाते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में VIP के टिकट पर जीते थे 4 उम्मीदवार
अक्टूबर-नवंबर 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में वीआईपी के टिकट पर चार उम्मीदवार जीतकर विधायक निर्वाचित हुए थे.
पिछले दिनों मुजफ्फरपुर के बोचहां सीट से वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान का निधन हो गया था. जिसके बाद यह सीट रिक्त हो गई थी.
यहां होने वाले उपचुनाव को लेकर बीजेपी और मुकेश सहनी के बीच ठन गई थी. मुकेश सहनी ने इस पर अपना दावा ठोकते हुए यहां से अपना प्रत्याशी उतारने की बात कही थी.
वहीं, बीजेपी का कहना था कि उसने अपने कोटे से यह सीट वीआईपी को दी थी इस लिहाज से अब वो यहां अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी.