नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 साल से काबिज भाजपा का पत्ता साफ हो गया है। आम आदमी पार्टी ने यहां बहुमत से जीत दर्ज की है। स्टेट इलेक्शन कमीशन के मुताबिक 250 सीटों वाले एमसीडी में आप को 134 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से 8 ज्यादा हैं। वहीं भाजपा को 104, कांग्रेस को 9 और 3 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों की जीत हुई है।
एमसीडी क्या काम करती है?
जनता को सुविधाएं प्रदान करना। इसमें स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कों, फुटपाथ और बाजारों की सफाई, ई-रिक्शा, रिक्शा और ठेलों को लाइसेंस देना शामिल है।
वाटर सप्लाई, ड्रेनेज सिस्टम मैनेजमेंट, स्लम एरिया में डेवलपमेंट के काम।
एमसीडी के जरूरी कामों में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट शामिल है, जिसमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हर घर से और कलेक्शन पॉइंट्स से कचरा इकट्ठा किया जाए।
एमसीडी श्मशान घाट चलाने और जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार है।
दिल्ली की राजनीति में एमसीडी इतनी अहम क्यों?
दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और एमसीडी । केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि एमसीडी उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके। वहीं, दिल्ली की सरकार चाहती है कि एमसीडी भी उसके कब्जे में आ जाए तो वह ज्यादा आजादी से और अपने हिसाब से विकास कर सकेगी।
आप नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर आप के पार्षदों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि, “बीजेपी का खेल शुरू हो गया. हमारे नवनिर्वाचित पार्षदों के पास फोन आने शुरू हो गये हैं. हमारा कोई पार्षद बिकेगा नहीं. हमने सभी पार्षदों से कह दिया है कि इनका फोन आये या ये मिलने आयें तो इनकी रिकॉर्डिंग कर लें.”
बीजेपी का मेयर सीट को लेकर बड़ा दावा
आम आदमी पार्टी (आप) बेशक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में बहुमत से जीत गयी हो, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को संकेत दिया कि मेयर का चुनाव अब भी बाकी है और चंडीगढ़ में उसके विरोधियों के पास सबसे अधिक सीटें होने के बावजूद मेयर बीजेपी का है.