धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनजेएसी अधिनियम को रद्द करने का मुद्दा उठाया
नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू हो गया है। यह सत्र 29 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में सरकार की कोशिश 16 नए विधेयकों एवं अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने की रहेगी। वहीं 17 बैठकों वाले इस सत्र में विपक्षी दलों ने महंगाई बेरोजगारी चीन के साथ सीमा पर स्थिति कॉलेजियम के विषय व केंद्र राज्य के संबंध जैसे मुद्दों को उठाने व चर्चा के लिए पर्याप्त समय देने की मांग की है।
बुधवार से शुरू हुए सत्र के दूसरे दिन यानी आज 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम भी सामने आएंगे। ऐसे में शीतकालीन सत्र पर इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम की छाया भी देखने को भी मिलेगी। सद सत्र में सुचारू रूप से कामकाज चलाने के उद्देश्य से चर्चा के लिये सरकार ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी जिसमें 31 दलों के सदन के नेताओं ने हिस्सा लिया था।
शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले कई मुद्दों में प्रमुख मुद्दा पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा की स्थिति और जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग का विषय है और इन मुद्दों पर सदन में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सरकार की योजना सत्र में 16 नए विधेयक पेश करने की है जिनमें बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और इसकी चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित विधेयक शामिल हैं।
इस दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों की सूची में पुराना अनुदान (विनियमन) विधेयक वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक तटीय जलकृषि प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक आदि भी शामिल हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि विपक्ष बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक 2022 और वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक को संसद की स्थाई समिति को भेजे जाने की मांग करेगा।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में अपने पहले भाषण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनजेएसी अधिनियम को रद्द करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा संसदीय संप्रभुता के गंभीर समझौते और लोगों के जनादेश की अवहेलना का एक स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सदन की शक्ति सर्वोच्च है और संशोधन करने के लिए इस संवैधानिक शक्ति का उपयोग करते हुए संसद ने लोकतंत्र को और मजबूत करने के लिए संपूर्ण संरचनात्मक शासन परिवर्तन को प्रभावित किया। धनखड़ ने कहा कि यह पंचायती राज नगर पालिकाओं और सहकारी समितियों के लिए एक व्यापक तंत्र प्रदान करने वाले संविधान में भाग 9 9 (ए) और 9 (बी) को शामिल करने के माध्यम से किया गया है। इसी तरह संसद ने एक बहुत ही आवश्यक ऐतिहासिक कदम में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के लिए मार्ग प्रशस्त करने वाला 99वां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित किया।