क्लैट परीक्षा का परिणाम घोषित, इंदौर के राहुल मालवीय ने ऑल इंडिया 13 रैंक हासिल की, मप्र में पहले स्थान पर कब्ज़ा

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

सेंट्रल लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट 2022 का परिणाम घोषित हो गया। इसमें इंदौर के राहुल मालवीय ने ऑल इंडिया 13वीं रैंक हासिल की। राहुल मप्र के टॉपर बने। राहुल अब देश के नंबर-1 लॉ कॉलेज राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय बेंगलुरु में 5 साल पढ़ाई करेंगे। उनका सपना चीफ जस्टिस बनना है।

इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में रहने वाले राहुल के पिता संजय और मां रेखा दोनों डॉक्टर हैं। एक बहन शिवांगी है जो कंटेंट राइटिंग करती है। राहुल ने बताया कि वे 2 साल पहले से परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। जब 11वीं में थे तभी से क्लैट परीक्षा की तैयारी में जुट गए। पढ़ाई के साथ ही रोज अखबार पढ़ते थे ताकि करंट अफेयर्स के बारे में जानकारी मिल सके। अखबार में जब वे कोर्ट के फैसले पढ़ते थे तभी से इस क्षेत्र में आने का मन बनाया। इसके लिए माता पिता और स्कूल के शिक्षकों ने मार्गदर्शन दिया। राहुल के मुताबिक वे ज्यादा से ज्यादा मॉक टेस्ट देते थे। इससे उन्हें अपनी स्थिति के बारे में पता चलता था। मॉक टेस्ट से कमजोरी और ताकत का पता चलता है। इस परीक्षा में सफल होने के बाद राहुल देश के नंबर 1 लॉ कॉलेज NLU बेंगलुरु में 5 साल पढ़ाई करेंगे। उनका सपना है कि वे अपनी मेहनत से भारत की ज्यूडिशियरी का हिस्सा बनें और भारत का चीफ जस्टिस बनकर शहर और परिवार का नाम रोशन करें।

बता दें कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) में प्रवेश के लिए होने वाली क्लैट 19 जून को हुई थी। शहर से इस वर्ष करीब 1300 विद्यार्थी शामिल हुए थे। राहुल ने सफलता का श्रेय परिवार और स्कूल के शिक्षकों को दिया। उनका कहना है कि बेहतर तैयारी में जिस तरह से शिक्षकों की भूमिका होती है, वैसे ही परिवार का सहयोग भी बहुत जरूरी होता है। बहन शिवांगी ने तैयारी में बहुत साथ दिया। माता-पिता ने भी दो साल तक पूरी तरह पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बेहतर माहौल दिया। राहुल का कहना है कि कानून के क्षेत्र में रहकर लोगों की मदद करने का मौका मिलता है। 11वीं में ही एक विषय मैंने लीगल स्टडीज का चयन कर लिया था।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।