सीएम हेल्पलाइन में बार-बार शिकायत करने का क्रम जारी

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sadbhawnapaati
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* शिकायतकर्ता संतुष्ट होने पर भी नहीं लेता वापस
* नगर निगम में अभी तक 1 हजार से अधिक शिकायतें लंबित
सीएम हेल्पलाइन हो या फिर नगर निगम की शिकायतों के लिए 311 निगम ऐप हो । इन दोनों में ही इन दिनों शिकायतकर्ता से खुद नगर निगम के अफसर अत्यधिक परेशान हो रहे हैं क्योंकि शिकायत हल होने के साथ-साथ अधिकतर शिकायतों में ब्लैक मेलिंग जैसा माहौल भी खड़ा कर दिया है। इसको लेकर निगम अधिकारी इसलिए परेशान हो रहे हैं क्योंकि शिकायत हल करने के बावजूद बार-बार शिकायत की जाती है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम से संबंधित सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण होने के बावजूद अभी तक 1 हजार से अधिक निगम में शिकायतें लंबित है। इस मामले को लेकर अधिकारियों का साफ तौर से कहना है कि 311 नगर निगम ऐप हो या 181 सीएम हेल्पलाइन की शिकायत हो दोनों ही श्रेणी में स्थिति यह है कि बार-बार शिकायतों के निराकरण के बावजूद संबंधित व्यक्ति ब्लैक मेलिंग जैसा काम करता है और कई बार शिकायतों के निराकरण होने के बावजूद भी अपनी शिकायत वापस नहीं लेता है जिसके चलते अधिकतर शिकायतों का निराकरण बराबर नहीं हो पाता है। इस मामले को लेकर पिछले दिनों खुद निगम कमिश्नर ने कई अफसरों की बैठक लेते हुए अलग-अलग विभागों में शिकायतों के निराकरण के निर्देश दिए थे। इसके लिए बकायदा काम भी किया जा रहा है परंतु रवैया अपनाया जा रहा है उसको देखकर ऐसा लगता है कि शिकायतकर्ता ब्लैकमेल कर रहा है। ऐसे मामले कई जगह देखने को मिल रहे हैं क्योंकि जब संबंधित अफसर शिकायतकर्ता से संपर्क करता है और इस विषय में चर्चा करता है तो उस दौरान शिकायतकर्ता शिकायत वापस लेता है और निराकरण की बात करता है लेकिन बाद में फिर से शिकायत कर आता है। इस तरह से परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है ।

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यही कारण है कि निगम में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। हालांकि इस मामले में खुद निगम कमिश्नर प्रतिभा पाल भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है लेकिन प्रत्येक जोन के जोनल अधिकारियों के साथ-साथ बिल्डिंग इंस्पेक्टर और भवन अधिकारी भी परेशान हो रहे हैं। गौरतलब है कि सीएम हेल्पलाइन 181 शिकायतों को लेकर जो शिकायत आती है उस पर पहले मौका निरीक्षण और शिकायतकर्ता की समस्या हल करने का भी प्रयास किया जाता है लेकिन कुछ शिकायतें ऐसी बड़े पैमाने पर होती है कि निराकरण तुरंत नहीं हो पाता है जिसको लेकर फिर से शिकायतकर्ता सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करा लेता है। इसके चलते परेशानी लगातार बढ़ती इसलिए भी जा रही है क्योंकि अधिकारी अन्य काम छोड़कर उसी समस्या के निदान के लिए बार-बार परेशान होता रहता है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।