एक जैसे सबूत और समान भूमिका के लिए अदालतें आरोपियों में भेदभाव नहीं कर सकतीं – सुप्रीम कोर्ट

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर दोषियों के खिलाफ एक जैसे सबूत हैं और दोनों की अपराध में भूमिका भी बराबर है तो अदालतें दोनों के बीच अंतर नहीं कर सकतीं। सुप्रीम कोर्ट ने डकैती और हत्या के चार आरोपियों को रिहा करते हुए यह टिप्पणी की। चारों को अदालत से 10-10 साल जेल की सजा मिली थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में जहां सबूत समान हैं और भूमिका भी तो वहां आरोपियों के मामले ‘समानता के सिद्धांत’ से शासित होंगे।

क्या है मामला
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस संजय करोल की पीठ ने डकैती और हत्या के एक आरोपी को रिहा कर दिया। बता दें कि डकैती और हत्या के आरोपी संख्या छह जावेद शौकत अली कुरैशी ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि इस मामले में कुल 13 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया और सात आरोपियों को निचली अदालत ने दोषी ठहराया। उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि की पुष्टि की लेकिन सजा को आजीवन कारावास से घटाकर 10 साल कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि अगस्त 2018 में मामले के तीन आरोपियों को रिहा कर दिया गया था, जबकि एक अन्य आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया गया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समान सबूत और समान भूमिका के बावजूद एक आरोपी को रिहा कर दूसरे को दोषी नहीं ठहरा सकती।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।