प्रदेश में शुरू हुआ डैमेज कंट्रोल : बीजेपी-कांग्रेस में चल रही बगावत को शांत करने की कवायद तेज 

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भोपाल. मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के अंदर मचे घमासान को रोकने की कवायद तेज हो गई है. निर्दलीय मैदान में उतर चुके बागियों को मनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही जोर लगाना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने जिलों को एक फॉर्म जारी किया है.
उसमें निर्दलीय उम्मीदवार के बैकग्राउंड, पार्टी में पद और चुनाव को प्रभावित करने समेत पूरी जानकारी मांगी गई है. बीजेपी ने टारगेट रखा है कि अगले 24 घंटे के अंदर रूठों को मना कर नामांकन वापस कराया जाए.
उसके बाद पार्टी हर जिले से निर्दलियों के बारे में जानकारी जुटा रही है. उसके आधार पर पार्टी के नेता सीधे निर्दलीय से संपर्क कर उन्हें मनाएंगे.

बीजेपी प्रवक्ता हितेश वाजपेई ने कहा जिन उम्मीदवारों ने बागी होकर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया है वो 22 जून तक अपना नामांकन वापस ले लेंगे. पार्टी की कोशिश के कारण 80 फीसदी बागियों को मनाया जा चुका है. बाकियों को भी अगले 24 घंटे के अंदर मना लिया जाएगा.

डैमेज कंट्रोल की कोशिश
दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी पार्टी में डैमेज कंट्रोल की जिम्मेदारी अपने जिला संभाग प्रभारियों को सौंप दी है. वो संपर्क कर बागियों को मनाने में लगे हैं. कांग्रेस पार्टी की कोशिश है कि टिकट नहीं मिलने से नाराज बागी जो निर्दलीय नामांकन दाखिल कर चुके हैं. उन्हें मनाकर उनका नामांकन वापस करा दें. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर के मुताबिक कांग्रेस में निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वालों की संख्या बेहद कम है. बागियों को मनाने के लिए संभाग प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है. उसके बाद भी अगर नामांकन वापस नहीं होता है तो ऐसे लोगों पर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी.

महापौर के लिए 197 नामांकन
प्रदेश में महापौर पद के लिए 197 और पार्षद पद के लिए 34 हजार से ज्यादा नामांकन दाखिल हुए हैं. इनमें निर्दलीय उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं जो बीजेपी और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. निर्दलीय उम्मीदवार बीजेपी और कांग्रेस का गणित भी बिगड़ने की कोशिश में हैं. 22 जून को दोपहर 3:00 बजे तक नामांकन वापसी की आखिरी समय सीमा है. इसलिए यही कारण है कि उससे पहले दोनों ही दल बागियों को मना कर नामांकन वापस कराने की कवायद में जुटे हैं. इसके लिए पार्टियों ने दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.

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