DAVV Exam Update: फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा के लिए स्थिति स्पष्ट नहीं असमंजस्य गहराया

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

कोरोना के मामले लगातार बढ़ने से एक बार फिर मई में होने वाली यूजी कोर्स की आफलाइन परीक्षा पर संकट खड़ा हो गया है। दरअसल देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के ज्यादातर HOD आफलाइन परीक्षा के लिए राजी नहीं है। कुछ शिक्षकों ने विरोध कर दिया है। उनका तर्क है कि कोरोना में आफलाइन परीक्षा आयोजित करने से संक्रमण फैलने का ज्यादा खतरा रहेगा। बेहतर होगा कि सत्र को समय पर पूरा करने के लिए आनलाइन परीक्षा करवाई जाए ताकि अगला सत्र पिछड़ने से रोका जा सकता है। हालांकि अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग के नए आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार कुछ विभागाध्यक्षों ने कुलपति डॉ. रेणु जैन को ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प बेहतर बताया है। कुलपति ने भी माना कि आनलाइन परीक्षा करवाने से सत्र को समय पर पूरा किया जा सकता है। वैसे भी विश्वविद्यालय में पूरे प्रदेश के विद्यार्थी आते हैं, जो अपने-अपने शहरों से आ नहीं सकते है। कुलपति डॉ. रेणु जैन का कहना है कि अभी परीक्षा को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है। इसके लिए अभी फैसला नहीं लिया जा सकता है। हालांकि विश्वविद्यालय आटोनॉमस संस्थान है। इसके चलते आनलाइन परीक्षा करवाई जा सकती है।

[expander_maker id=”1″ more=”आगे पढ़े ” less=”Read less”]

मार्च के आखिरी सप्ताह में जारी विभाग के आदेश के मुताबिक बीए, बीकाम और बीएससी की सारी परीक्षाएं एक महीने के लिए बढ़ाई थी। अप्रैल की जगह एक मई से यूजी कोर्स फाइनल ईयर व पीजी कोर्स की चौथे सेमेस्टर की आफलाइन परीक्षा करवाना है। मगर अभी संक्रमण को लेकर पूरे प्रदेश में स्थिति काफी खराब है। ऐसे में आफलाइन परीक्षा पर फिर असमंजस बढ़ चुका है। सूत्रों के मुताबिक अधिकारी ने दबी जुबान में परीक्षाएं जून-जुलाई तक बढ़ने के संकेत दे दिए हैं। इस बीच विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं में विभागाध्यक्ष और शिक्षक आफलाइन परीक्षा के बिलकुल भी पक्ष में नहीं है। जबकि छात्र संघटनो के अपने अलग अलग तर्क और विचार है |

[/expander_maker]

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।