Education News. स्नातक स्तरीय चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा – स्नातक यानी नीट यूजी 2022 को टालने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है।
नीट यूजी परीक्षा 2022, 17 जुलाई को निर्धारित है। जिसे टालने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार कैंपेन चल रहा है। कई छात्र परीक्षा स्थगित कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल की मांग कर रहे हैं।
लेटेस्ट अपडेट के अनुसार, सोशल मीडिया पर जारी कैंपेन को लेकर एनटीए के महानिदेशक विनीत जोशी ने एक अहम बैठक में भाग लिया है। माना जा रहा है कि मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया है। जोशी बैठक के बाद एनटीए के ऑफिस गए हैं। संभवतया देर शाम तक कोई बड़ा फैसला आ सकता है।
दबाव और तनाव की स्थिति से गुजर रहे नीट उम्मीदवार
छात्रों का कहना है कि सीबीएसई और अन्य बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन में देरी हुई है। ऐसे में एनटीए की ओर से नीट अंडर ग्रेजुएट परीक्षा के आयोजन में जल्दबाजी करना छात्र हित में नहीं है। इससे छात्रों पर अनावश्यक दबाव बन रहा है।
कई छात्र तनाव की स्थिति से जूझ रहे हैं और इससे उनके अभिभावक एवं परिजन भी परेशान व चिंतित हैं। परिजनों का कहना है कि ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से पिछले एक महीने से उनकी और छात्रों की मांग को अनसुना किया जाना निराशाजनक है। अब प्रधानमंत्री से ही दखल की उम्मीद है।
छात्र बोले- भूख हड़ताल ही आसरा, पीएम बनें सहारा
नीट यूजी परीक्षा को टालने की मांग को लेकर कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर भूख हड़ताल करने को लेकर लगातार स्वास्थ्य मंत्री को चेता रहे थे।
अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है। उम्मीदवारों ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री जरूर उनकी बात सुनेंगे।
इसके साथ ही नीट उम्मीदवारों ने स्पष्ट भी कर दिया है कि अगर प्रधानमंत्री मामले में दखल नहीं देंगे, तो वे भूख हड़ताल शुरू करेंगे। नीट उम्मीदवार परीक्षा 30 से 40 दिन टालने की मांग कर रहे हैं।
छात्र संगठनों और छात्रों की ओर से नीट यूजी परीक्षा स्थगित करवाने को लेकर जेईई मेन परीक्षा टालने, बोर्ड एग्जाम टालने और काउंसलिंग टाले जाने का हवाला दिया जा रहा है।