अजमेर। भारतीय रेल के अजमेर मंडल में राजभाषा हिंदी के अधिकतम उपयोग और प्रोत्साहन की दिशा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले उप मुख्य टिकट निरीक्षक हरदेव सिंह चौहान को सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। राजभाषा विभाग की ओर से यह निर्णय उनके निरंतर समर्पण और कार्यकुशलता को देखते हुए लिया गया है।
चौहान ने अपने समस्त राजकीय कार्य, पत्राचार एवं लेखन कार्यों को पूर्णतः हिंदी में संपन्न कर यह उदाहरण प्रस्तुत किया है कि सरकारी कार्यों में मातृभाषा का प्रयोग न केवल संभव है बल्कि सहज और प्रभावी भी हो सकता है। उनकी इस निष्ठा और प्रयास ने न केवल राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दिया है बल्कि अन्य रेलकर्मियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना है।
राजभाषा विभाग द्वारा प्रोत्साहन स्वरूप उन्हें 2000 की नकद राशि और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाने की अनुशंसा की गई है। यह सम्मान यह संदेश देता है कि यदि कर्मचारी ईमानदारी और समर्पण से राजभाषा को अपनाएँ तो सरकारी कामकाज अधिक सुचारू और जनसुलभ हो सकता है।
इस उपलब्धि पर रेल मंडल के सहकर्मी साथियों ने चौहान को हार्दिक बधाइयाँ दी हैं। मुख्य टिकट निरीक्षक (सुविधा) अजमेर के.के. मौर्या ने भी उन्हें शुभकामनाएँ प्रेषित करते हुए कहा कि हरदेव सिंह चौहान का यह प्रयास पूरे विभाग के लिए प्रेरक है और इससे हिंदी के प्रयोग को और अधिक बल मिलेगा।
चौहान का यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राजभाषा हिंदी की प्रतिष्ठा और सम्मान को भी एक नई ऊँचाई प्रदान करने वाला है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भारतीय रेल जैसी विशाल संस्था में भी हिंदी का महत्व निरंतर बढ़ रहा है और कर्मचारी इसे अपनाने के लिए उत्साहित हो रहे हैं।

