मुंबई। 34 हजार करोड़ रुपये के डीएचएफएल बैंक घोटाले मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अजय रमेश नावंदर नाम के शख्स को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया है.
पिछले सप्ताह अजय रमेश के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी और इस छापेमारी के दौरान उसके ठिकानों से 35 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेंटिंग और मूर्तियां और एक करोड़ रुपये मूल्य की घड़ियां बरामद हुई थी. इस घोटाले के तार कहीं अंडरवर्ल्ड से तो नहीं जुड़ गए हैं? इस बात की भी जांच की जा रही है.
सीबीआई के एक आला अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों अजय रमेश नावंदर के यहां छापेमारी के दौरान जो सामान और दस्तावेज बरामद हुए थे उस बाबत अजय रमेश से पूछताछ की जा रही थी. आरोप है कि पूछताछ के दौरान अजय रमेश सीबीआई के सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे रहा था. साथ ही जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था.
किसके कहने पर खरीदी गई महंगी पेंटिंग?
अधिकारी जानना चाहते थे कि उसने यह महंगी पेंटिंग और मूर्तियां किसके कहने पर खरीदी. किसके पैसों से खरीदी, साथ ही उसके पास एक करोड़ रुपये कीमत की बेशकीमती घड़ियां कहां से आई?
सीबीआई को इस मामले की अब तक की जांच के दौरान जो संकेत मिले थे उसके मुताबिक इस मामले के मुख्य आरोपी कपिल वधावन और उसके सहयोगियों ने घोटाले की काफी रकम इधर-उधर की थी. साथ ही यह भी पता चला था कि घोटाले की इस रकम से अनेक चल अचल संपत्तियां खरीदी गई हैं.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार अजय रमेश को अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. रिमांड पर पूछताछ के दौरान उससे जानने की कोशिश की जाएगी कि घोटाले का यह पैसा और कहां कहां भेजा गया था.
साथ ही सीबीआई इस बात की भी जांच कर रही है कि घोटाले के पैसे के तार कहीं अंडरवर्ल्ड से तो नहीं जुड़ गए हैं. सीबीआई ने 22 जून 2022 को 34 हजार करोड़ रुपये के इस बैंक घोटाले में मुकदमा दर्ज कर एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की थी. मामले की जांच जारी है.