दुकान से घटिया चावल बेचने की अनुमति देने वाले अधिकारी बर्खास्त | MP TOP NEWS

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
2 Min Read

 

मध्यप्रदेश सरकार ने बुधवार रात को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के दो अधिकारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया। इसके अलावा एक अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। ये कार्रवाई दो जिलों के आठ चावल मिल (राइस मिल) के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई गई एफआईआर के तहत की गई है। 4 Number Vo :- सरकारी अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार की रिपोर्ट में पाया गया कि इन जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से वितरित चावल मानव उपभोग के लिए अयोग्य और पशुधन और मुर्गी पालन के लिए उपयुक्त थे।

इससे पहले बुधवार को भाजपा सरकार से माफी की मांग करते हुए, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोगों के बीच इस तरह के चावल के वितरण को मानवता के खिलाफ आपराधिक कार्य बताया था। बुधवार रात को राज्य सरकार द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘बालाघाट और मंडला जिलों में चावल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जबकि बालाघाट के जिला प्रबंधक को मामले में निलंबित कर दिया गया है। संबंधित मिलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।’ क्या है पूरा मामला कोरोना काल के दौरान केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की तरफ से मध्यप्रदेश में जो चावल राशन दुकानों से गरीबों में बांटा गया था वो खाने लायक नहीं थे। मामले के खुलासे के बाद से राज्य सरकार एक्शन में आ गई है। प्रदेश के छिंदवाड़ा और बालाघाट जिले की राशन दुकानों में गरीबों को दिए जाने वाले चावल के 32 नमूनों की जांच की गई थी। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की सीजीएल लैब में जांच के दौरान यह बात सामने आई कि जो चावल गरीबों को दिए गए वे खाने लायक नहीं थे। जांच में यह भी पता चला कि जिन गोदामों में यह चावल रखा हुआ था, उसकी बोरियां दो से तीन साल पुरानी थीं।

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
101 Comments