Education News – ग्रेजुएशन में पढाई के साथ लाइफ स्किल प्रोग्राम भी पढ़ेंगे छात्र – यूजीसी

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों को कम्यूनिकेशन स्किल, प्रोफेशनल स्किल, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट स्किल और यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू विषयों को पढ़ाया और प्रशिक्षित किया जाएगा।

Education News. इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, फार्मेसी, आर्किटेक्चर से लेकर अन्य विश्वविद्यालयों के स्नातक के छात्र पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर इंसान बनने का कौशल भी पढ़ेंगे। उच्च शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति के तहत आगामी सत्र 2022 में स्नातक प्रोग्राम में जीवन कौशल (लाइफ स्किल ) 2.0 पाठ्यक्रम अनिवार्य रूप से जुड़ने जा रहा है। इसमें छात्रों को कम्युनिकेशन स्किल, प्रोफेशनल, लीडरशिप व मैनेजमेंट, यूनिवर्सिल ह्यूमन वैल्यू विषयों को शामिल किया जा रहा है।
इसका मकसद, छात्रों की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन युवाओं को नौकरी से लेकर समाज के प्रति जिम्मेदार, धर्म, अहिंसा, बेहतर इंसान बनाने, संवेदनशील व पेशेवर और व्यावहारिक बनाना है।  कुल 120 घंटों की इस पढ़ाई में आठ क्रेडिट होंगे। इसमें किताबी पढ़ाई के साथ-साथ विषय पेशेवरों द्वारा कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें लिखा है कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों को कम्यूनिकेशन स्किल, प्रोफेशनल स्किल, लीडरशिप एंड मैनेजमेंट स्किल और यूनिवर्सल ह्यूमन वेल्यू विषयों को पढ़ाया और प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए नई शिक्षा नीति के आधार पर जीवन कौशल पर आधारित ड्राफ्ट करिकुलम तैयार किया गया है।

इसकी जरूरत क्यों पड़ी


दरअसल, 2017 में मल्टीनेशनल कंपनियों ने सरकार को अपनी रिपोर्ट में छात्रों की कमियों पर ध्यान दिलाया था। इसमें लिखा था कि भारतीय छात्रों में अब पहले की तरह मानवीय मूल्य, सामाजिक सरोकार, संचार कौशल में कमी, सार्वभौमिक लचीलापन नहीं है। आईआईटी से लेकर अन्य विश्वविद्यालयों के छात्रों के पास डिग्री संग ज्ञान तो हैं, लेकिन वे बेहद प्रोफेशनल हो गए हैं।भारतीय छात्रों की जिन खूबियों के चलते अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उनकी डिमांड थी, उसमें अंतर आ रहा है। नौकरी के लिए पढ़ाई, ज्ञान के साथ इनका होना भी जरूरी है। इसलिए सरकार से आग्रह है कि वे विषयों के साथ इन पर फोकस करें। इसी कारण नई शिक्षा नीति में इस मसौदे को शामिल किया गया है।

4 विषयों में पढ़ाई होगी


कम्यूनिकेशन  स्किल में सुनने की क्षमता, बोलने, लिखने, डिजिटल शिक्षा व सोशल मीडिया, साइबर सिक्योरिटी आदि के बारे में समझाया जाएगा। जबकि प्रोफेशनल स्किल ( करियर और टीम) में रिज्यूम, इंटरव्यू, समूह परिचर्चा, विभिन्न उभरते क्षेत्रों में भविष्य बनाना, विश्वास, टीम के साथ काम करने के दौरान सभी पक्षों को सुनना, समझना आदि पर पढ़ाई व प्रशिक्षण मिलेगा। जबकि लीडरशिप व मैनेजमेंट स्किल में टीम को साथ लेकर चलने की भावना प्रेरित की जाएगी। इसके अलावा यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू विषय पर अहिंसा, शांति, सेवा, प्रेमभाव, दयाभाव, सच, मानवीय मूल्य, सरोकार आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।