राजवाड़ा के आसपास लोगों के लिए “बना जी का जंजाल  लोहे का जाल”

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sadbhawnapaati
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बीते 3 वर्षों से चल रहा काम लेकिन आज तक नहीं हो पाया पूरा. इस वर्ष हटेगा

इंदौर। शहर के मध्य राजवाड़ा ऐतिहासिक धरोहर पर बीते कई वर्षों से इसके कायाकल्प का काम चल रहा है। वैसे देखा जाए तो बीते 4 से 5 वर्षों से राजवाड़ा के जीर्णोद्धार का काम स्मार्ट सिटी योजना के तहत तो चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा होने का नाम भी नहीं ले रहा है।

बताया जाता है कि राजवाड़ा पर लगे लोहे के जाल इस वर्ष के अंत तक हटना तय माना जा रहा है लेकिन यह आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। यहां पर इतने बड़े पैमाने पर काम चलने की बात हुई थी लेकिन लंबे समय से लगे लोहे का मजबूत जाल इस वर्ष में हटेगा।

राजवाड़ा को भीतर से लेकर बाहर कायाकल्प योजना के तहत यहां पर काम किया जा रहा था लेकिन बीते 1 वर्षों से काम पूरी तरह से बंद ही हो गया है। पहले कहा था कि अधिकतर काम हो चुका है।
केवल फिनिशिंग वर्क का काम अंतिम चरणों में है जो जल्द ही पूरा होगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया है। आज तक यहां का काम ही पूरा नहीं हो पाने से परेशानी बनी हुई है । यहां पर गत वर्ष से ही काम बंद पड़ा है और जो काम होना था वह आज तक अधूरा रहा है ।
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हालांकि गत वर्ष मार्च-अप्रैल में ही लॉक डाउन के चलते काम बंद हो गया था उसके बाद से ही यहां पर काम की शुरुआत नहीं हो पाई है। स्मार्ट सिटी से जुड़े अफसरों का कहना है कि अंदर तो ज्यादातर काम हो चुका है बाहर काम कुछ शेष रह गया है तो अंदर फिनिशिंग का काम भी पूरा हो जाएगा वैसे अभी देखा जाए तो इंदौर शहर की शान राजवाड़ा अपने मूल स्वरूप में लौटेगा ऐसा अधिकारियों का कहना है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत करोड़ों रुपए की लागत से ऐतिहासिक धरोहर के रूप में इसका कायाकल्प चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत शहर के ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने और उसके कायाकल्प की योजना के तहत वैसे काम तो गोपाल मंदिर से लेकर बांके बिहारी मंदिर व अन्य जगह भी चल रहा है लेकिन काम कब पूरा होगा इस विषय में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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