विदेश मंत्री जयशंकर ने किया कांग्रेस पर पलटवार कहा एलएसी पर भारतीय सेना को राहुल गांधी ने नहीं मोदी ने भेजा

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

इंदिरा गांधी पर दो टूक बोले दोबारा पीएम बनते ही इंदिरा ने मेरे पिता को हटाया
नई दिल्ली. विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को एक इंटरव्यू के दौरान चीन समेत कई मामलों पर खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने अपने पिता के साथ हुई नाइंसाफी पर भी दो टूक बात की. उन्होंने कहा कि उनके पिता डॉ. के सुब्रमण्यम कैबिनेट सेक्रेटरी थे लेकिन 1980 में इंदिरा गांधी के दोबारा सत्ता में लौटने पर उन्हें पद से हटा दिया गया.
उन्होंने एएनआई को दिए इंटरव्यू में अपने पिता को पद से हटाने, उनकी जगह जूनियर अधिकारी को पद पर नियुक्त करने से लेकर विदेश सेवा से लेकर राजनीति तक के अपने सफर पर बात करते हुए कहा कि वह हमेशा से बेहतरीन फॉरेन सर्विस अधिकारी बनना चाहते थे.

जयशंकर ने कहा कि मैं हमेशा से बेहतरीन फॉरेन सर्विस ऑफिसर बनना चाहता था. मेरी नजरों में विदेश सचिव बनना उस सर्वश्रेष्ठता को हासिल करने की परिभाषा थी. मेरे पिता एक नौकरशाह थे, जो कैबिनेट सेक्रेटरी बन गए थे. लेकिन उन्हें पद से हटा दिया गया. वह उस समय 1979 में जनता सरकार में सबसे युवा सेक्रेटरी थे.

जयशंकर का कांग्रेस पर पलटवार
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में जब एस जयशंकर से पूछा गया कि कांग्रेस आरोप लगाती है कि आप और पीएम मोदी चीन का नाम लेने से डरते हैं. इस पर जयशंकर ने कहा, C H I N A, मैं चीन का नाम ले रहा हूं.
जयशंकर ने कहा, अगर हम डरते हैं तो एलएसी पर भारतीय सेना को किसने भेजा. राहुल गांधी ने उन्हें नहीं भेजा, बल्कि नरेंद्र मोदी ने भेजा है. चीन सीमा पर आज तक के इतिहास की सबसे बड़ी सेना की तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि मैं चीन का नाम लेता हूं. देखिए मैं चीन का नाम ले रहा हूं.

दिल्ली में 1984 में बहुत कुछ हुआ, उस पर डॉक्यूमेंट्री क्यों नहीं?
BBC डॉक्यूमेंट्री पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि कई बार भारत में चल रही राजनीति यहां की नहीं, बल्कि बाहर से आई होती है। विचार और एजेंडा बाहर से आए होते हैं। आप डॉक्यूमेंट्री ही बनाना चाहते हैं तो दिल्ली में 1984 में बहुत कुछ हुआ था। हमें उस विषय पर कोई डॉक्यूमेंट्री देखने को क्यों नहीं मिली?

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।