Giriraj Singh | राष्ट्रवाद, विकास और सामाजिक समरसता में बाधक है जनसंख्या विस्फोट | India Population

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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बेगूसराय के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जनसंख्या विस्फोट को विकास में सबसे बड़ी बाधा करार दिया और कहा कि देश के विकास के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत महत्वपूर्ण है। गिरिराज सिंह ने मंगलवार रात जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के पेज पर लाइव के माध्यम से कहा कि दुनिया की आबादी का केवल 20 प्रतिशत भारत में है। जबकि भूमि दो प्रतिशत से कम है और पानी चार प्रतिशत से कम है, बढ़ती जनसंख्या द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का दोहन किया जा रहा है।

इस खबर पर हमारे साथ आज जुड़ रहे है वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी कान्त पंडित, आइये सुनते है क्या कहते है वो | हर साल जल स्तर में साढ़े तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ रही है, भारत का 70 प्रतिशत पानी प्रदूषित है, केवल दस प्रतिशत लोगों को शुद्ध पानी मिल रहा है, 2030 तक इसे प्राप्त करना मुश्किल होगा। भारत की बढ़ती आबादी से हर कोई परेशान है, देश के विकास में सबसे बड़ी बाधा बन चुके जनसंख्या विस्फोट को दूर करने के लिए जनता जागरण प्रतिष्ठान फाउंडेशन जाग रहा है, आप सभी को यह करना होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गिरिराज सिंह ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम लागू करना मेरे जीवन का अंतिम लक्ष्य है। अगर कानून नहीं बना तो यह देश के विकास और सामाजिक समरसता में बाधक है। गिरिराज सिंह ने कोरोना में घर में रहने, लोगों को तकनीक और सोशल मीडिया के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करने की अपील की है। अन्यथा, स्कूल में कोई जगह नहीं होगी, अस्पताल में कोई इलाज नहीं होगा। 2014 में देश की जनसंख्या 135 करोड़ थी, जो 2020 में बढ़कर 137 करोड़ हो गई।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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