कोरोना महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र 10 सिंतबर से शुरू हो सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार सत्र के दौरान कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जो इतिहास में कभी नहीं हुआ। इस बार शायद दोनों सदनों की कार्यवाही एक साथ नहीं चले क्योंकि प्रत्येक सदन द्वारा उचित दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने के लिए दोनों चैंबरों और दीर्घाओं का इस्तेमाल करने की संभावना है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सत्र की तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों के चैंबरों का दौरा किया।
इससे पहले, रविवार को राज्यसभा सचिवालय ने कहा था कि मानूसन सत्र के दौरान उच्च सदन के सदस्यों को दोनों चैंबर और दीर्घाओं में बैठाया जाएगा। भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी जहां 60 सदस्य चैंबर में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के चैंबर में बैठेंगे। लोकसभा सचिवालय भी सदस्यों के बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं लेकिन इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम को होगी। आपको बता दें कि महामारी के कारण संसद के बजट सत्र की अवधि में कटौती कर दी गयी थी और 23 मार्च को दोनों सदनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। परिपाटी के तहत अंतिम सत्र से छह महीने के अंत के पहले संसद का सत्र आहूत होता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक राजनीतिक दलों को उनकी क्षमता के अनुसार बैठने से संबंधित निर्देश दिये जायेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता थावर चंद गहलोत के, और विपक्ष के नेता और अन्य पार्टी नेताओं के लिए उच्च सदन के चैंबर में नामांकित सीटें निर्धारित की जायेंगीं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा, जो कि राज्यसभा के सदस्य भी हैं, उनके लिए भी सदन के चैंबर में ही नामांकित सीटें निर्धारित की जायेंगीं।
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