चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम में 10 में से 7.5 न्यूनतम सीजीपीए हासिल करने वाले छात्र मास्टर डिग्री पूरी किए बिना ही पीएचडी में प्रवेश के पात्र होंगे।
Education News. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में पीएचडी में प्रवेश चाहने वाले छात्रों को लिए अपने नए नियमों और पात्रता मानदंडों की घोषणा की है।
यूजीसी द्वारा जारी नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, छात्र अब अपने चार साल तक की स्नातक डिग्री (अंडर ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम) पूरी करने के बाद पीएचडी कर सकते हैं।
यूजीसी ने इन नए नियमों के आधार पर कहा है कि चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम में 10 में से 7.5 न्यूनतम सीजीपीए (कम्युलेटिव ग्रेड पॉइंट एवरेज) हासिल करने वाले छात्र मास्टर डिग्री पूरा किए बिना ही पीएचडी में प्रवेश के पात्र होंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की 14 जून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग को इस महीने के अंत तक यूजीसी रेगुलेशन 2022 (पीएचडी डिग्री के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) जारी करने की उम्मीद है।
ये नियम 2022 से 2023 के नए शैक्षणिक सत्र से लागू होने की सबसे अधिक संभावना है।
यूजीसी के चैयरमेन एम.जगदीश कुमार ने बताया, हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान पारस्थितिकी तंत्र (रिसर्च इकोसिस्टम) में सुधार करने के लिए शोध करने के लिए चार वर्षीय स्नातक छात्रों को पीएचडी करने के लिए प्रोत्साहित करना महत्वपूर्ण है।
यही कारण है कि हम पीएचडी में चार साल के यूजी (अंडर ग्रेजुएट) छात्रों को पात्र होने की अनुमति दे रहे हैं जिनके पास 7.5 या उससे अधिक का सीजीपीए है।
चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम एक पहल है जिसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2022 के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू किया जाएगा। यूजीसी के मुताबिक, जो चात्र अपने चौथे वर्ष के अंत (8वें सेमेस्टर) में 10 में से 7.5 सीजीपीए (औसत ग्रेड पॉइंट) प्राप्त करते हैं, वे पीएचडी में प्रवेश के लिए आवेदन के पात्र होंगे।
एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस और पीडब्ल्यूडी वर्ग के छात्रों को आवेदन करने के लिए 0.5 सीजीपीए की छूट दी जाएगी।
छात्रों के लिए ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि उन्होंने 10 में से 7.5 से कम सीजीपीए हासिल किया है तो पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र बनने के लिए उनके पास मास्ट डिग्री का एक वर्ष अनिवार्य है। योग द्वारा जल्द ही पूरे नियम जारी किए जाने की उम्मीद है।