National News – यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के निजीकरण की तरफ बढ़ रही है सरकार

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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केंद्र सरकार यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के निजीकरण की तरफ धीरे-धीरे बढ़ रही है। हालांकि अभी इस प्रस्ताव को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर ( डिसइनवेस्टमेंट) की मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन इस ग्रुप से प्रस्ताव पास होने के बाद सरकार इस दिशा में एक कदम और बढ़ा देगी।

उच्च पदस्थ सूत्रों की माने सरकार ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के निजीकरण की तरफ गंभीरता से कदम बढ़ाना शुरू कर दिया हैं और औपचारिक मंजूरी मिलते ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जाएगा।

सूत्रों की मानें तो सरकार पहले इंश्योरेंस कंपनी को निजी हाथों में सौंपने का फैसला करेगी फिर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का भी निजीकरण किया जाएगा। बता दें कि इन कंपनियों के निजीकरण को आसान बनाने के लिए एक्ट में संशोधन वाले प्रावधानों को हाल ही में द जनरल इंश्योरेंस बिजनेस नेशनलाइजेशन एक्ट में संसद से पारित करवाया गया है।

इससे पहले नीति आयोग भी बैंकों, इन्श्योरेंस कम्पनियों के निजीकरण के पक्ष में अपनी राय दे चुका है। हाल में किये बदलाव में सबसे बड़ा परिवर्तन जनरल इंश्योरेंस कंपनी में सरकारी भागीदारी को 51 प्रतिशत से कम करने व प्रबंधन को निजी क्षेत्र को सौंपने की मंजूरी है।

गौरतलब है कि आईआरडीएआई ने भी अपने आंकड़ों में बताया है कि सरकार द्वारा नियंत्रित इंश्योरेंस कम्पनियों की हिस्सेदारी लगातार घट रही है। इन्हीं कारणों से सरकार इनके निजीकरण को गम्भीरता से ले रही है। हालांकि कर्मचारियों की यूनियन निजीकरण के विरोध में लामबंद हैं।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।