बढ़ती शिकायतों पर ओला उबर को सरकार ने थमाया नोटिस, महीनेभर में कंपनियों के खिलाफ 3252 शिकायतें, लग सकता है जुर्माना

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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दिल्ली। देश के प्रमुख टैक्सी एग्रीगेटर और ई कामर्स सेवाएं देने वाले ओला और उबर के खिलाफ लगातार बढ़ रही शिकायतों को देखते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने उन्हें नोटिस थमाया है।

उनके ऊपर उपभोक्ता हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया गया है। प्राधिकरण ने अपने नोटिस में उनके खिलाफ आई शिकायतों की सूची सौंपते हुए 15 दिन में जवाब देने को कहा है। उचित जवाब न मिलने पर इन कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

सप्ताहभर पहले ही इन कंपनियों के साथ हुई बैठक में दी गई चेतावनी का कोई असर न होने पर प्राधिकरण ने नाराजगी जताई है। सीसीपीए ने पिछली बैठक में ही ओला, उबर, मेरु कैब और जुगनू को अपनी सेवाओं में सुधार करने के साथ शिकायतों को निपटाने के लिए उचित हेल्पलाइन जारी करने का निर्देश दिया था।

आनलाइन संचालित टैक्सी कंपनियों को अपने बु¨कग सिस्टम और बुकिंग कैंसिलेशन में सुधार करने को कहा गया था, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ है। इन कंपनियों ने अपने एप पर उपभोक्ताओं की शिकायतें पाने का कोई प्रविधान नहीं किया है। एक अप्रैल, 2022 से एक मई, 2022 के बीच अकेले ओला के खिलाफ 2,482 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। उबर के खिलाफ 770 शिकायतें आई हैं। ये सारी शिकायतें नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (एनसीएच) के माध्यम से दर्ज कराई गई हैं।

सीसीपीए के मुताबिक, ओला के खिलाफ 54 प्रतिशत शिकायतें सेवाओं में खामियों की हैं। भुगतान की गई धनराशि को न लौटाने की शिकायतें 21 प्रतिशत हैं। निर्धारित भाड़े से अधिक वसूली, अवैध वसूली, वादाखिलाफी समेत कई तरह की शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।

इन कंपनियों के खिलाफ ई-कामर्स संबंधी शिकायतें भी कम नहीं है। इसी तरह उबर को लेकर भी शिकायतें कम नहीं हैं। निर्धारित सेवाएं नहीं देने की 61 प्रतिशत और भुगतान को न लौटाने की शिकायतें 14 प्रतिशत हैं। अवैध वसूली, तय मूल्य से अधिक वसूली, समय पर डिलीवरी न पहुंचाने, अकाउंट ब्लाक करने जैसी शिकायतें मिली हैं।

प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि कस्टमर सपोर्ट न होना, ड्राइवरों का आनलाइन भुगतान लेने से मना करना, निर्धारित किराए से अधिक चार्ज करना, ड्राइवरों का गैरपेशेवर व्यवहार, बुकिंग शर्तों के बावजूद एसी न चलाना बड़ी समस्याएं हैं। दोनों कंपनियों से शिकायत दर्ज करने का कोई उचित प्लेटफार्म के न होने से उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ रही हैं।

सीसीपीए ने कुछ कंपनियों को सुरक्षा मानकों की अवहेलना करने पर भी एक अन्य नोटिस जारी किया है। इन कंपनियों ने अपने उत्पादों पर जरूरी वैधानिक इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट (आइएसआइ) मार्क नहीं लगाया है। हेल्मेट्स, प्रेशर कुकर और कु¨कग गैस सिलेंडर के लिए पहला सेफ्टी नोटिस छह दिसंबर, 2021 को जारी किया गया था। इसी तरह इलेक्टि्रकल उपकरणों के लिए भी सेफ्टी नोटिस जारी किया गया है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।