इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में कोरोना महामारी की तीसरी लहर के जोर पकड़ने के बीच एक निजी चिकित्सा संस्थान की प्रयोगशाला की जांच में पिछले 18 दिन के दौरान कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप के बीए.2 उप-वंश (सब लीनिएज) के 21 मामले सामने आए हैं। इस उप-वंश से संक्रमित मरीजों में छह बच्चे शामिल हैं। श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष विनोद भंडारी ने बताया,‘‘केंद्र की मान्यता प्राप्त हमारी मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी डायग्नोस्टिक एंड रिसर्च लैब में कोरोना के ओमीक्रोन स्वरूप के बीए.2 उप-वंश के 21 मामले मिले हैं।
ये मामले मिलने की शुरुआत छह जनवरी से हुई है। उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन स्वरूप के बीए.2 उप-वंश के 21 मामलों में से छह मरीजों के फेफड़ों पर एक प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक असर देखने को मिला है। भंडारी ने बताया कि इन 21 मरीजों में से तीन अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 18 अन्य को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन 21 मरीजों में शामिल 15 वयस्क कोरोना टीके की दोनों खुराकें पहले ही ले चुके थे। उन्होंने कहा कि हम सभी पात्र लोगों से अपील करते हैं कि वे महामारी से बचाव के लिए टीके की एहतियाती खुराक जल्द से जल्द लें। गौरतलब है कि इंदौर, प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,86,216 मरीज मिले हैं जिनमें से 1,409 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।
ये मामले मिलने की शुरुआत छह जनवरी से हुई है। उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन स्वरूप के बीए.2 उप-वंश के 21 मामलों में से छह मरीजों के फेफड़ों पर एक प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक असर देखने को मिला है। भंडारी ने बताया कि इन 21 मरीजों में से तीन अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 18 अन्य को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन 21 मरीजों में शामिल 15 वयस्क कोरोना टीके की दोनों खुराकें पहले ही ले चुके थे। उन्होंने कहा कि हम सभी पात्र लोगों से अपील करते हैं कि वे महामारी से बचाव के लिए टीके की एहतियाती खुराक जल्द से जल्द लें। गौरतलब है कि इंदौर, प्रदेश में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,86,216 मरीज मिले हैं जिनमें से 1,409 संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।