Health News – इंदौर और उज्जैन में मौत के आंकड़े से दोगुना ज्यादा लोगों को मिल रहा कोरोना का मुआवजा

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वर्तमान में सरकारी रिकॉर्ड में मौत का आंकड़ा और अनुग्रह राशि वितरित किए जाने वाले आंकड़े में जमीन आसमान का फर्क है. अधिकारी भी इस बात को स्वीकार करते हैं.

Health News. मध्य प्रदेश में कोरोना से हुई मौत की संख्या पर सवाल उठ रहे हैं. सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज मौत के आंकड़े से दोगुना ज्यादा लोगों को मुआवजा मिल रहा है.

अधिकारी भी इस बात को स्वीकार रहे हैं. गौरतलब है कि कोरोना से मरने वाले लोगों के परिजनों को सरकार की तरफ से 50 हजार की अनुग्रह राशि वितरित की जा रही है.

वर्तमान में सरकारी रिकॉर्ड में मौत का आंकड़ा और अनुग्रह राशि वितरित किए जाने वाले आंकड़े में जमीन आसमान का फर्क है.

अगर धार्मिक नगरी उज्जैन की बात की जाए तो यहां सरकारी रिकॉर्ड में अभी तक 174 लोगों की मौत हुई है, जबकि 700 परिवारों को साढ़े तीन करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि वितरित कर दी गई.

कोरोना से मौत और अनुग्रह राशि के आंकड़ों में अंतर

अनुग्रह राशि के लिए अभी भी साढ़े चार सौ आवेदन पेंडिंग हैं. आंकड़ों के मुताबिक इंदौर में साढ़े चौदह सौ लोगों की कोरोना से मौत सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जबकि अभी तक 2400 लोगों को 12 करोड़ रुपए की अनुग्रह राशि वितरित कर दी गई.

मुआवजा प्राप्त करने के लिए 4200 आवेदन अभी भी पेंडिंग हैं. इसी तरह अगर मध्य प्रदेश के दूसरे जिलों में भी देखा जाए तो सरकारी रिकार्ड और अनुग्रह राशि प्राप्त करने वाले आंकड़ों में काफी विरोधाभास नजर आता है.

उज्जैन कलेक्टर ने कहा- सरकार रख रही लचीला रुख

इस मामले में उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि सरकार भी अनुग्रह राशि वितरित करने के मामले में लचीला स्वभाव रख रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके.

उन्होंने बताया कि अगर सोनोग्राफी या किसी डॉक्टर का भी लिखा हुआ पर्चा प्राप्त हो रहा है तो ऐसे लोगों को अनुग्रह राशि बांट दी जा रही है.

इसके अलावा आसपास के जिलों में लोगों की संभागीय मुख्यालयों पर मौत हुई है तो उनके परिजनों को भी संभागीय मुख्यालय से अनुग्रह राशि वितरित की जा रही है लेकिन ये मौत सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है.

इस वजह से मेडिकल बुलेटिन में जारी आंकड़ों और अनुग्रह राशि वितरित करने वाले आंकड़े में फर्क है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।