किसी चीज को लेकर नापसंदी या नाराजगी के जवाब में गुस्सा आना स्वाभाविक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तरह की भावनात्मक अभिव्यक्ति को सामान्य भी मानते हैं, पर क्या आपको अक्सर बात-बात पर गुस्सा आता है?
इस तरह का गुस्सा जिसमें आप अपना आपा खो देते हैं या खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते? ऐसी स्थिति को सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि गुस्सा आने की स्थिति में शरीर और मस्तिष्क में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
इन स्थितियों को जानलेवा माना जाता है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक के लिए गुस्से को मुख्य कारणों के रूप में व्यक्त किया है। स्ट्रोक पीड़ितों पर किए गए एक वैश्विक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि हर 11 में से एक स्ट्रोक पीड़ित रोगी में गुस्से की समस्या का निदान किया गया।
गुस्से के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर किए गए एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि क्रोधित होने के तुरंत बाद दो घंटों में, व्यक्ति में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम लगभग पांच गुना और स्ट्रोक का जोखिम तीन गुना बढ़ जाता है।
प्रोफेसर स्मिथ कहते हैं, हमारे अध्ययन में पाया गया कि अक्सर क्रोध और भावनात्मक समस्याओं से परेशान रहने वाले लोगों में स्ट्रोक के जोखिम में लगभग 30 प्रतिशत अधिक हो सकता है।
गुस्से को नियंत्रित करने के लिए इन उपायों को भी फायदेमंद माना जाता है।
- उन कारणों को पहचानें जो गुस्से की भावना को बढ़ाती हैं, उनसे दूरी बनाने के प्रयास करें।
- उन बहस में पड़ने से बचें जो गुस्से का कारण बन सकते हैं।
- लंबी सांस लेने वाले अभ्यास करना फायदेमंद माना जाता है।
- गुस्सा आने पर तुरंत उस जगह से हट जाएं और पानी पिएं।
- योग-व्यायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।