Health News – RO के पानी का इस्तेमाल शरीर के लिए हो सकता है खतरनाक, WHO ने दी ये चेतावनी

By
sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
3 Min Read

यह सही है कि आरओ पानी को शुद्ध करता है लेकिन यह 92 से 99 प्रतिशत तक आवश्यक कैल्शियम और मैग्नीशियम को पानी से छान लेता है.

इसका मानव शरीर और अन्य अंगों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. आरओ पानी पीने के एक महीने के अंदर ही इसका प्रभाव दिखने लगता है.

एक अध्ययन में पाया गया कि चेक और स्लोवाक में जब लोगों ने आरओ का पानी पीना शुरू किया तो उनमें कुछ ही सप्ताह के अंदर मैग्नीशियम और कैल्शियम की भारी कमी होने लगी. इसके अलावा भी कई तरह की जटिलताएं सामने आने लगीं. आरओ पानी पीने के बाद इन लोगों में थकान, कमजोरी, मसल्स में पेन सहित दिल से जुड़ी परेशानियां भी सामने आने लगी.

आरओ का पानी नेचुरल पानी की तुलना में मिनिरल्स की भारपाई नहीं कर सकता है. शरीर में जो भी मिनिरल्स अन्य माध्यमों से जाता है आरओ का पानी उसे भी खींच लेता है. यानी जब फ्रूट्स, फूड्स आदि से हमारे शरीर में मैग्नीशियम, कैल्शियम जाता है तो आरओ पानी के साइड इफेक्ट के कारण यह पेशाब से बाहर निकल जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जो खनिज पदार्थ पानी से प्राप्त होता है वह किसी अन्य खाद्य पदार्थ से प्राप्त नहीं हो सकता. आरओ का पानी मिनिरल्स को पहले ही निकाल लेता है. इसलिए यह कई परेशानियों को जन्म देता है.

आरओ के पानी के सेवन से शरीर के पानी में घुले इलेक्ट्रोलाइट्स पतले हो जाते हैं. इलेक्ट्रोलाइड्स खून में घुले मिनिरल्स होते हैं जिनकी बदौलत इलेक्ट्रिकली चार्ज तरल पदार्थ शरीर में इधर से उधर होते हैं. इससे शरीर के जरूरी अंगों पर असर पड़ता है. इस कारण थकान, कमजोरी, सिर दर्द, मसल्स पेन आदि की शिकायतें होने लगती है. कभी कभी धड़कन भी तेज हो जाती है.

आरओ पानी के साइड इफेक्ट से बचने और पानी को साफ करने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे बिना आरओ वाले पानी को उबाल कर पीएं. पानी में प्रति लीटर साफ पानी में आयोडीन की 5 बूंदें डालें. इसके अलावा एक लीटर पानी में लिक्विड ब्लीच की चार बूंदें डालकर भी पानी को साफ किया जा सकता है.

Share This Article
Follow:
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।