Health News – RO के पानी का इस्तेमाल शरीर के लिए हो सकता है खतरनाक, WHO ने दी ये चेतावनी

sadbhawnapaati
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यह सही है कि आरओ पानी को शुद्ध करता है लेकिन यह 92 से 99 प्रतिशत तक आवश्यक कैल्शियम और मैग्नीशियम को पानी से छान लेता है.

इसका मानव शरीर और अन्य अंगों पर बहुत बुरा असर पड़ता है. आरओ पानी पीने के एक महीने के अंदर ही इसका प्रभाव दिखने लगता है.

एक अध्ययन में पाया गया कि चेक और स्लोवाक में जब लोगों ने आरओ का पानी पीना शुरू किया तो उनमें कुछ ही सप्ताह के अंदर मैग्नीशियम और कैल्शियम की भारी कमी होने लगी. इसके अलावा भी कई तरह की जटिलताएं सामने आने लगीं. आरओ पानी पीने के बाद इन लोगों में थकान, कमजोरी, मसल्स में पेन सहित दिल से जुड़ी परेशानियां भी सामने आने लगी.

आरओ का पानी नेचुरल पानी की तुलना में मिनिरल्स की भारपाई नहीं कर सकता है. शरीर में जो भी मिनिरल्स अन्य माध्यमों से जाता है आरओ का पानी उसे भी खींच लेता है. यानी जब फ्रूट्स, फूड्स आदि से हमारे शरीर में मैग्नीशियम, कैल्शियम जाता है तो आरओ पानी के साइड इफेक्ट के कारण यह पेशाब से बाहर निकल जाता है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक जो खनिज पदार्थ पानी से प्राप्त होता है वह किसी अन्य खाद्य पदार्थ से प्राप्त नहीं हो सकता. आरओ का पानी मिनिरल्स को पहले ही निकाल लेता है. इसलिए यह कई परेशानियों को जन्म देता है.

आरओ के पानी के सेवन से शरीर के पानी में घुले इलेक्ट्रोलाइट्स पतले हो जाते हैं. इलेक्ट्रोलाइड्स खून में घुले मिनिरल्स होते हैं जिनकी बदौलत इलेक्ट्रिकली चार्ज तरल पदार्थ शरीर में इधर से उधर होते हैं. इससे शरीर के जरूरी अंगों पर असर पड़ता है. इस कारण थकान, कमजोरी, सिर दर्द, मसल्स पेन आदि की शिकायतें होने लगती है. कभी कभी धड़कन भी तेज हो जाती है.

आरओ पानी के साइड इफेक्ट से बचने और पानी को साफ करने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे बिना आरओ वाले पानी को उबाल कर पीएं. पानी में प्रति लीटर साफ पानी में आयोडीन की 5 बूंदें डालें. इसके अलावा एक लीटर पानी में लिक्विड ब्लीच की चार बूंदें डालकर भी पानी को साफ किया जा सकता है.

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