Health Tips: नपुंसकता और गंजापन यूं दूर करती है उड़द |

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sadbhawnapaati
"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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उड़द की दाल आम तौर पर भारत में खायी जाती है। दैनिक आहार में शामिल है। यह दाल वादी करती है, जिसकी वजह से इसके ज्यादा खाने से कुछ परेशानी तो होती है, लेकिन क्या आप जानते हैं? कि उड़द की दाल खाने से नपुंसकता दूर होती है, यह दाल मर्दाना ताकत को बढ़ाने वाली कही जा सकती है। आइये, हम आपको बताते हैं कि कैसे उड़द की दाल खाये तो इसका फायदा आपको अपनी मर्दाना ताकत को बढ़ाने में होगा। इसके अलावा यह दाल गंजापन दूर करने में भी मददगार होती है। कहावत है कि बाजरा की रोटी उड़द की दाल यह वादी तो करती है साथ ही अनेक रोगों का निदान भी करती है। इनके सेवन से अनेकानेक रोग दूर हो जाते हैं।

गंजापन दूर करता है उड़द का यह प्रयोग – पहले उड़द की दाल को उबालकर पीस लें । उसे पानी में ही मिलाकर एक लेप तैयार करके रात को सोते समय गंजे सिर पर लगाकर सो जाये। कुछ ही दिनों में आपके गंजे स्थान पर बाल उगने लगेगे। गंजापन दूर करने के लिए यह प्रयोग किया जाता है तो बाल पुन: उगने की संभावना बढ़ जाती है। नपुंसकता दूर करने में मददगार उड़द – जिन व्यक्तियों में मर्दाना शक्ति की कमी हो जाती है। उन्हें उड़द की दाल के लड्डू, खोये व देशी घी में भूनकर खाने चाहिए। इनमें आप चाहें तो मेवा पिस्ता बादाम , किशमिश भी मिला सकते हैं। गाय के दूध के साथ एक लड्डू का सेवन प्रतिदिन करना चाहिए। इसके सेवन से नपुंसकता दूर होती है। मर्दाना शक्ति में इजाफा होता है।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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