दूरदर्शन यानी दूर के दर्शन
नमस्कार ये दूरदर्शन केंद्र इंदौर की प्रस्तुति है, आपने पिछले कई सालों में शायद ही यह आवाज सुनी होगी, क्योंकि ये भी शासन की उदासीनता का शिकार हो गया, सरकार एक तरफ तो लोक साहित्य ओर लोक कला को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है तो दूसरी ओर अपने जमे जमाए पुरातन विश्वसनीय स्त्रोत का गला अपने हाथों से घोट रही है.
डॉ. देवेन्द्र …9827622204
Indore News in Hindi. देश के सबसे स्वच्छ और विकासशील शहर इंदौर में दूरदर्शन केंद्र अच्छे दिनों कि आस में है यहाँ दिन ब दिन दुर्दशा बढ़ती ही जा रही है. “दूरदर्शन केंद्र इंदौर” में कार्यक्रम निर्माण केंद्र का उद्घाटन सन 2000 में तत्कालीन सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन ने किया था. इसके बाद “दूरदर्शन केन्द्र इन्दौर” पर मालवा तथा निमाड़ के कलाकारों, साहित्यकारों और कृषि आदि से संबंधित कार्यक्रमों का निर्माण किया जाता रहा है. बाद में यहां से 1 घंटे का लोकल प्रसारण भी होता रहा ताई स्वयं इन सब में इंटरेस्ट लेती थी.
2019 के बाद से इंदौर दूरदर्शन केंद्र की गतिविधियों पर धीरे-धीरे विराम लगना शुरू हो गया –
भारत में 33 जगह पर दूरदर्शन केंद्र के कार्यक्रम निर्माण केंद्र हैं सभी 32 जगहों पर कार्यक्रम निर्माण हो रहा है वहीँ इंदौर में पिछले 1 वर्ष से कार्यक्रम निर्माण बंद है. यहाँ करोड़ों रुपए का अर्थ स्टेशन, प्रसारण, रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो पूरी तरह सक्षम है और सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं. पहले यहां पर एक केंद्र निदेशक, दो कार्यक्रम अधिकारी और दो 3 कैमरामैन की पदस्थापना थी परंतु इसके बाद यहां पर धीरे-धीरे सभी कार्यक्रम अधिकारियों को हटा दिया गया यहाँ तक कि कार्यक्रम प्रमुख को भी हटा दिया गया पिछले साल जो एकमात्र कैमरामैन बचा था अब उसे भी हटा दिया गया है.
केवल तकनीकी स्टाफ बचा है किसी भी कार्यक्रम निर्माण करने के लिए कम से कम एक कार्यक्रम अधिकारी तथा कैमरामैन की आवश्यकता होती है. यहाँ उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग नहीं हो पा रहा है अतः यहां पर अति शीघ्र कार्यक्रम अधिकारियों एवं कैमरामैन की पोस्टिंग की जानी चाहिए ताकि यहां पर भी कार्यक्रम निर्माण शुरू हो सके.
मालवा और निमाड़ के कलाकारों का अस्तित्व खतरे में – तकनीकी कर्मचारियों को प्रोग्राम में शिफ्ट ना करने के कारण विगत कई दिनों से स्टूडियो में रिकॉर्डिंग नहीं हो रही है इस और न कोई जनप्रतिनिधि, न ही अधिकारी ध्यान दे रहें है. जिस कारण मालवा और निमाड़ के कलाकारों का अस्तित्व खतरे में है.
लोक कलाकार, लोकगीत गायक और कृषि पर आधारित कार्यक्रम पूरी तरह बंद हो चुके हैं उन्हें उक्त समस्या के चलते प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है किसी भी प्रकार की कवरेज के लिए भोपाल या मुंबई से टीम बुलाई जा रही है.
क्या होना चाहिए – अगर यहां लाइव कवरेज के लिए फुल HD वैन और प्रोग्राम स्टाफ को नियुक्त कर दिया जाए तो दूरदर्शन केंद्र बंद होने से बच जाएगा.