जबलपुर. मध्य प्रदेश में दंगाइयों, बलवाइयों, गुंडे-बदमाशों के खिलाफ जारी बुलडोजर अभियान में एक युवक को जबलपुर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है. युवक पर हिंदू लड़की को अगवा कर धर्मांतरण का आरोप था.
हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि ज़रूरत पड़ने पर युवक को सुरक्षा प्रदान करे.
हिंदू लड़की को अगवा कर अपहरण के आरोप में फंसे एक मुस्लिम युवक को जबलपुर हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
हाइकोर्ट ने डिंडोरी निवासी आसिफ खान की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए पुलिस को आदेश दिया है कि वह जरूरत पड़ने पर युवक को सुरक्षा दे.
हिन्दू लड़की के अपहरण का आरोप
डिंडोरी में रहने वाले आसिफ खान का उसी के मोहल्ले में रहने वाली एक हिंदू लड़की से अफेयर था. वो उसी युवती के साथ भागकर छत्तीसगढ़ पहुंचा था और दंतेवाड़ा में हिंदू रीति रिवाज से शादी कर ली थी.
लेकिन अलग-अलग समुदाय के होने के कारण उनकी शादी कानूनी तौर पर मान्य नहीं थी. हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करने के आदेश दिए.
FIR अमान्य करने की मांग
सुनवाई के दौरान साक्षी खुद कोर्ट में हाजिर हुई और उसने बताया कि न तो उसका अपहरण हुआ है और ना ही उसे आसिफ जबरदस्ती ले गया था.
बावजूद इसके आसिफ और उसके परिवार के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली गई. आसिफ ने भी यह कहा कि हम दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी की है, लेकिन डिंडोरी पुलिस ने लड़की के परिवार की शिकायत पर एक तरफा कार्रवाई करते हुए अपहरण का केस दर्ज कर लिया.
ये सरासर गलत है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता आसिफ ने यह मांग भी की कि उस पर दर्ज FIR गलत है जिसे अमान्य किया जाना चाहिए.
बुलडोजर कार्रवाई पर सरकार से जवाब
हाई कोर्ट जस्टिस नंदिता दुबे की एकल पीठ ने प्राथमिक सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार समेत अन्य को नोटिस जारी किये हैं और पूरे मामले पर जवाब तलब किया है.
इतना ही नहीं आसिफ के ठिकानों पर हुई बुलडोजर कार्रवाई पर भी हाईकोर्ट ने सरकार और डीजीपी से जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई जून में होगी.