शहर में नवंबर में एक बार फिर सर्वे होगा। शासन, प्रशासन और मेडिकल की टीमें शहरवासियों की कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच करेंगे। इस बात का पता लगाने की कोशिश होगी कि कितने प्रतिशत लोगों के शरीर में कोरोना से लड़ने वाली एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है।
गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई में एक बार ऐसा ही सर्वे किया जा चुका है। शहर के सभी 85 वार्डों में टीमें भेजकर करीब सात हजार लोगों की सैंपलिंग की गई थी। सर्वे के परिणाम में 7.72 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने का अनुमान लगाया गया था। यानी करीब पौने दो लाख लोगों को इंदौर में संक्रमण अपनी चपेट में ले चुका था। जुलाई के बाद अगस्त और सितंबर में संक्रमण तेजी से फैला।
प्रतिदिन पौने पांच सौ तक नए मरीज मिले। इस लिहाज से अनुमान लगाया जा रहा है कि शहर के कम से कम 25 प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज सूत्रों के मुताबिक नवंबर के दूसरे पखवाड़े में सर्वे शुरू करने की संभावना है। जनवरी के पहले पखवाड़े तक इसके परिणाम जारी कर दिए जाएंगे।
बुधवार को 242 नए संक्रमित मरीज मिले, संक्रमण से 3 लोगों की मौत
बुधवार को कोरोना संदिग्ध 4774 मरीजों के सैंपल जांचे गए और 242 मरीज पॉजिटिव आए। बुधवार देर रात जारी बुलेटिन के मुताबिक अब तक 3 लाख 61 हजार 93 सैंपलों की जांच की जा चुकी हैं इनमें से 32532 पाॅजिटिव पाए गए। बुधवार को 98 मरीज हाॅस्पिटल से डिस्चार्ज किए गए। अब तक स्वस्थ होकर घर जाने वालों की संख्या 28 हजार 350 हो चुकी है। फिलहाल 3515 कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज चल रहा है। बुधवार काे कोरोना संक्रमण से 3 लोगों की मौत हुई। इंदौर में अभी तक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 667 हो चुकी है।
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