Indore Curfew: Corona है खुले घूमने का नहीं, चेताया था मगर माने नहीं |

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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सद्भावना पाती न्यूज़पेपर ने पिछले सप्ताह प्रमुखता से खबरछापी थी, की ये कैसा कर्फ्यू या सिर्फ नोटंकी “रविबार के लॉक डाउन को ना प्रशासन गंभीरता से ले रहा है ना ही जनता” इसी का परिणाम इस रविवार को दो घटनाओ से देखने को मिला 1. सुपर कॉरिडोर पर अन्धगति से दोड़ती कार का एक्सीडेंट 2. खजराना में निकाले ताजिए, मैदान में इकट्ठे हो गए सैकड़ों लोग, टीआई लाइन अटैच पहली घटना :- सुपर कॉरिडोर पर अन्धगति से दोड़ती कार ने मोपेड पर सवार चार लोगों को टक्कर मारी और उसके बाद गाड़ी खुद ही पलट गई, घटना में मोपेड सवार 9 साल के बच्चे और उसकी मां की मौत हो गई।

गांधीनगर थाना टीआई अनिल सिंह यादव के अनुसार, घटना शाम 4.30 बजे टीसीएस चौराहे के पास हुई। हादसे में मोपेड चला रहे अशोक पिता रामदास गेहलोत व उनकी पत्नी दुर्गा घायल हुए हैं, जबकि राज (9) पिता सुनील और मां अन्नपूर्णा पति सुनील की मृत्यु हो गई।गांधी नगर की तरफ से तेज रफ्तार आ रही कार (एमपी 09-डब्ल्यूई-1472) ने मोपेड को पीछे से टक्कर मारी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर लगते ही कार का संतुलन बिगड़ गया और पलट गई। पुलिस को पता चला है कि कार में चार युवक सवार थे और नशा कर रहे थे। जैसे ही हादसा हुआ, पीछे से बाइक पर साथी नशेड़ी युवकों को लेकर भाग गए।पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन किसी का पता नहीं चला सवाल यह उठता है कि कर्फ्यू के दिन 1 मोपेड 4 लोग बैठ कर कैसे निकले और गाड़ी में नवासा करते युवक कैसे अंध गति से गाड़ी दौड़ाते रहे जबकि सभी दुकानें बंद थी। दूसरी घटना : – कोरोनाकाल में प्रतिबंध के बाद भले ही पुलिस ने हर जगह सख्ती कर रखी है, लेकिन मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में ताजिए निकालने की घटना सामने आई है। इंदौर में खजराना के बड़ला इलाके में बड़ी संख्या में नारी बाजी करते युवक पांच ताजिए लेकर मैदान में आ गए।सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने ताजिए वापस रखवाए। एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार इसमें 4 एफआईआर हुई है। कम्युनिटी स्प्रेड दिन पर दिन फैलता जा रहा है और सिर्फ एक टीआई को लाइन अटैच कर जवाबदारी से मुक्त नहीं हुआ जा सकता | यह सीधे-सीधे पुलिस इंटेलिजेंस फेलियर की घटना है, इसकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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