प्रवेश के पूर्व विद्यार्थियों का शारीरिक तापमान लिया जायेगा
Indore Education News. प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत भौतिक उपस्थिति के साथ शैक्षणिक गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ पुस्तकालय एवं स्नातक/स्नातकोत्तर सभी कक्षाओं के लिये छात्रावास खोले जाने और मेस व्यवस्था भी सुचारु रूप से चालू रहेगी।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिये विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और छात्रावास में 18 वर्ष से अधिक आयु के छात्र-छात्राओं और समस्त स्टॉफ को वैक्सीन के दोनों डोज लगाना अनिवार्य होगा।
प्राचार्य द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि ऐसे शैक्षणिक, अशैक्षणिक कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएँ, जिन्हें दोनों टीके नहीं लगे हैं, उन्हें दोनों टीके लगवाये जायें। ऐसे विद्यार्थी, जिन्होंने 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की है, यह सुनिश्चित किया जाये कि वे पूरी तरह से स्वस्थ हों।
विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के प्रवेश-द्वार पर प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थियों का शारीरिक तापमान लिया जाना सुनिश्चित किया जायेगा।
शैक्षणिक परिसर में आवश्यक रूप से मास्क पहनना, हाथों को सेनेटाइज करना एवं शारीरिक दूरी का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।
विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के घोषणा-पत्र एवं माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के आधार पर उपस्थिति स्वीकार्य होगी। उनके द्वारा एक बार दी गई सहमति पूरे सत्र के लिये मान्य होगी।
RGPV में विरोध
ऑफलाइन एग्जाम लेने का प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी में सोमवार को छात्रों ने हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया था।
छात्रों ने कुलपति के ऑफिस का घेराव किया था। उन्होंने तत्काल ऑफलाइन एग्जाम की जगह ऑनलाइन एग्जाम लिए जाने की मांग की। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने भी एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय समेत अन्य कॉलेज में भी ऑफलाइन एग्जाम का विरोध हुआ।
इंदौर में NSUI अध्यक्ष बोले- ऑनलाइन क्लासेस ही लगना चाहिए
एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अमित पटेल का कहना है कि कोविड की स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेस लगाई जाना चाहिए।
हालांकि इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि ऑनलाइन के कारण क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रहा है, लेकिन जान से बढ़कर कुछ नहीं है। कोविड एक-दूसरे के संपर्क में रहने से ही बढ़ता है।
ऐसे में अगर स्टूडेंट्स को कुछ परेशानी होगी तो इसकी जिम्मेदारी किसकी रहगी। जरूरत पड़ी तो ऑफलाइन क्लास को लेकर विरोध भी किया जाएगा।