जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसान एकजुट
इंदौर-पीथमपुर के बीच बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले ने मंगलवार को को तूल पकड़ लिया। इस क्षेत्र के 16 गांवों से जुड़े किसान कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और इसका जमकर विरोध किया।
इंदौर-पीथमपुर के बीच बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण के मामले ने मंगलवार को को तूल पकड़ लिया। इस क्षेत्र के 16 गांवों से जुड़े किसान कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और इसका जमकर विरोध किया।
किसानों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि हम ऐसी मनमानी नहीं चलने देंगे। प्रदर्शन करीब दो घंटे तक चला। इस दौरान किसानों ने अधिकारियों को सद्बुद्धि देने के लिए भजन भी गाए।
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि इंदौर, पीथमपुर इकोनामिक कॉरिडोर की योजना में सम्मिलित ग्राम नैनोद, रिजलाय, बिसनावदा, नावदापंथ, सिंथोडा, सिंधोड़ी, रंगवासा, मोकला आदि गांव की जमीन का आरक्षण मध्य प्रदेश निवेश क्षेत्र विकास एवं प्रबंध के संबंधित अधिनियम की धारा के प्रावधान के अंतर्गत किया जा रहा है।
इसे निरस्त करने के लिए हमने मोर्चा खोला है। हम यह मनमानी नहीं चलने देंगे और अगर मांगें नहीं मानी गई तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे।
किसानों ने कहा कि विकास के नाम पर यह हमारे साथ छल है, जो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। मामले में एसडीएम प्रतुल सिन्हा ने उनसे ज्ञापन लेकर मामला समझना तो किसानों ने कलेक्टर से ही बात करने की मांग की।
किसान संगठनों से जुड़े लोगों ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि पश्चिम रिंगरोड और इकोनॉमिक कॉरिडोर निर्माण को लेकर सैकड़ों किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है और किसानों को प्रशासन ने बिना किसी मुआवजे की बात किए उन्हें नोटिस भेज दिए। उन्हें हमें पहले विश्वास में लेना था। अधिकारियों के इसकी रूपरेखा बताने के साथ नियम-शर्तों से अवगत करना था। यह एक तरफा लिया गया फैसला है।
इस बीच उनके उग्र रवैये को देखते हुए काफी पुलिस बल तैनात कर दिया। किसानों ने कलेक्टर मनीष सिंह को ही ज्ञापन सौंपने की मांग की। मामले कलेक्टर मनीष सिंह ने किसानों से ज्ञापन लिया और मामले के निराकरण करने की बात कही है।