Indore News: जल संसाधन मंत्री के क्षेत्र के रहवासी नरक का जीवन जीने को मजबूर, अधिकारीयों के कानो पे नहीं रेंग रही जूं

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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Indore News: इंदौर शहर के बायपास पर वार्ड नंबर 36 अरंडिया गांव के पीछे लगी हुई कॉलोनी साईं गोल्ड सिटी के रहवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हो गए हैं। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सदभावना पाती न्यूज़ की टीम वस्तु स्थिति का मुआयना करने साईं गोल्ड सिटी में पहुंची जहां के रहवासियों ने बताया कि किस तरह से वह लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि कॉलोनाइजर कोई काम नहीं करवा रहा है, ना ही शासकीय विभाग के कर्मचारी और ना ही कोई नेता इस कॉलोनी के लिए आगे आ रहा है। इस कॉलोनी में पीने का पानी, ड्रेनेज, बिजली, सड़क की जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो रही है।
मंत्री तुलसी सिलावट के क्षेत्र में लोग परेशान और मजबूर
रहवासियों ने बताया की वार्ड नंबर 36 विधानसभा सांवेर का क्षेत्र है जहां से विधायक तुलसी सिलावट हैं जो मध्य प्रदेश में जल संसाधन मंत्री हैं। मंत्री जी के इसी क्षेत्र में पीने के पानी की किल्लत होती है, यहां के रहवासी गंदा पानी पीने को मजबूर है। कई बार मंत्री जी तक शिकायतें पहुंचाई पर शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई ।
अधिकारी नहीं करते कोई सुनवाई
कॉलोनी से लगा हुआ श्मशान घाट है जहां कोई सुविधा ना होने से शव के जलने की बदबू पूरी कॉलोनी में फैली रहती है। साथ ही लाइट के तार यदा-कदा लटके मिलते हैं, ड्रेनेज की सुविधा चरमराई हुई है। गार्डन पूरे खुले हुए हैं जहां सांप बिच्छू घूमते रहते हैं। रहवासियों द्वारा शिकायत करने पर अधिकारी कोई सुनवाई नहीं करते हैं। और तो और निगम के अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं देते ।
विगत दिनों हुई मासूम की मौत
साई गोल्ड सिटी में विगत माह एक 10 वर्षीय बालक की सांप के काटने से मौत हो गई थी। मासूम की मौत के बाद भी ना नेता, ना अधिकारी और ना ही कॉलोनाइजर की कुंभकरणी नींद खुली।
कॉलोनाइजर का यह है कहना
वही साईं गोल्ड सिटी के कॉलोनाइजर दीपक हिंदूजा से सद्भावना पाती द्वारा इस मामले पर पूछा गया तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा गलत काम नहीं किया जाता है। हमारे पास कॉलोनी का कंप्लीशन सर्टिफिकेट है। लाइट का काम भी अंडर प्रोसेस है और टेंपरेरी लाइट भी रहवासियों को फ्री ऑफ कॉस्ट दी जा रही है जिसके बिल का भुगतान स्वयं कॉलोनाइजर द्वारा किया जाता है।
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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।