Kamalnath जवाब दें, Congress छोड़ने वाले Subhash Chandra Bose, Motilal Nehru क्या गद्दार थे- Shivraj

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भाजपा के तीन दिवसीय सदस्यता अभियान में दो दिन के लिए ग्वालियर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा- कांग्रेस और कमलनाथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस छोड़ने पर गद्दार कह रहे हैं। मैं उनसे एक बात पूछना चाहता हूं कि साल 1923 में मोतीलाल नेहरू ने कांग्रेस छोड़ स्वराज पार्टी बनाई, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस छोड़ी, क्या वे गद्दार थे? मुख्यमंत्री ने कहा- इनके अलावा बिजू पटनायक, ममता बनर्जी, शरद पवार, मोरारजी देसाई ने भी कांग्रेस छोड़ी थी।

क्या ये सभी गद्दार हैं? जवाब दीजिए, शिवराज ने कहा कि कांग्रेस की नीतियों से परेशान होकर जब भी कोई नेता कांग्रेस छोड़ता है, ये लोग उसे बदनाम करने लगते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो कमलनाथ आज सिंधिया को गद्दार बता रहें है, वह खुद बड़े गद्दार हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता के साथ गद्दारी की है। उन्होंने स्वयं के विकास पर ध्यान दिया, प्रदेश के विकास पर उनका ध्यान ही नहीं गया। कांग्रेस ने जनता से छल किया, वादाखिलाफ़ी की। गद्दारी आपने की और दोष दूसरे पर मढ़ते हो, कमलनाथ तुम्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी। सीएम ने कहा कि आज जनता को धोखा देने वाले दूसरों को गद्दार बता रहे हैं। कमलनाथ के पास अपने मंत्री और विधायकों से मिलने के लिए समय नहीं था। वह सिर्फ उद्योगपति और बिल्डरों से ही मुलाकात में व्यस्त रहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां प्रद्युमन सिंह तोमर बैठे हैं। आप उनसे पूछिए कि कमलनाथ से जब भी वह मिलने गए, उन्हें वापस कर दिया गया। सीएम ने आगे कहा कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता ने सिंधिया का चेहरा देखकर कांग्रेस को वोट दिया था। लेकिन, चुनाव के बाद सीएम की कुर्सी पर कमलनाथ बैठ गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश का विकास चाहते थे, लेकिन कमलनाथ मुख्यमंत्री बनते ही विकास के लक्ष्य को भूल गए। उन्होंने जनता की तरफ ध्यान देना बंद कर अपने विकास पर ध्यान लगाना शुरू कर दिया। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साहस दिखाया और इस प्रदेश को गर्त में जाने से बचा लिया।

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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