Kumbh Mela 2021: करोड़ या कुछ हजार श्रद्धालु, कोरोना के बीच हरिद्वार कुंभ में कितनों को मिलेगी इजाजत

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार...
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11 साल में एक बार लगनेवाले कुंभ मेले की तैयारियां उत्तराखंड में जारी हैं. लेकिन इस बीच इस बात को लेकर संशय बना हुआ है कि कोरोना काल के इस कुंभ में कितने लोगों को इजाजत होगी. बता दें कि अगले साल यानी 2021 में हरिद्वार में कुंभ मेला लगना है. 11 साल बाद होनेवाला यह मेला 12 मार्च को शाही स्नान से शुरू होना है. वैसे तो इस मेले में पहुंचनेवाले लोगों की कोई सीमा नहीं होती लेकिन कोरोना काल में ऐसा नहीं हो पाएगा. मेले में कितने लोगों को आने दिया जाएगा फिलहाल प्रशासन इसपर विचार कर रहा है. बता दें कि आखिरी कुंभ 14 अप्रैल 2010 में लगा था. तब शाही स्नान के वक्त 1.5 करोड़ लोग वहां कुंभ में मौजूद थे. लेकिन इसबार ऐसा होना मुश्किल है.

उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहले ही इसके संकेत दिए हैं कि जुटनेवाले लोगों की संख्या पर पाबंदी हो सकती है. इसबार पास आदि से मेले में जाने की व्यवस्था हो सकती है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जा सके. इससे पहले चार धाम यात्रा पर भी पाबंदियों का असर देखा गया था. जहां हर बार इसमें 9 लाख के करीब श्रद्धालु होते हैं, इसबार यह संख्या हजार तक भी नहीं थी. ऐसा ही कुंभ के दौरान भी देखने को मिलेगा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना लॉकडाउन में यहां भी काम रुका था लेकिन पहले अनलॉक के बाद फिर शुरू हो गया. हरिद्वार में लगनेवाले कुंभ के लिए करीब 51 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इनके लिए 320 करोड़ रुपये अलॉट हुए हैं और 15 दिसंबर तक की डेडलाइन दी गई है. फिलहाल 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.

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"दैनिक सदभावना पाती" (Dainik Sadbhawna Paati) (भारत सरकार के समाचार पत्रों के पंजीयक – RNI में पंजीकृत, Reg. No. 2013/54381) "दैनिक सदभावना पाती" सिर्फ एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज की आवाज है। वर्ष 2013 से हम सत्य, निष्पक्षता और निर्भीक पत्रकारिता के सिद्धांतों पर चलते हुए प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की महत्वपूर्ण खबरें आप तक पहुंचा रहे हैं। हम क्यों अलग हैं? बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के, हम सत्य की खोज करके शासन-प्रशासन में व्याप्त गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते है, हर वर्ग की समस्याओं को सरकार और प्रशासन तक पहुंचाना, समाज में जागरूकता और सदभावना को बढ़ावा देना हमारा ध्येय है। हम "प्राणियों में सदभावना हो" के सिद्धांत पर चलते हुए, समाज में सच्चाई और जागरूकता का प्रकाश फैलाने के लिए संकल्पित हैं।
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